पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित व आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में घिरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बचाव के लिए बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दस्तक दी। राहुल गांधी ने ‘कमांडर-इन-थीफ’ टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मानहानि मामला खत्म करने की गुहार लगाते हुए  हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

राहुल गांधी की उक्त टिप्पणी के खिलाफ महाराष्ट्र में एक भाजपा समर्थक ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामला दायर किया है। याचिकाकर्ता महेश श्रीश्रीमाल ने याचिका में कहा है कि राहुल गांधी ने 2018 में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए उक्त टिप्पणी की थी।

शिकायत का संज्ञान लेने के बाद, मुंबई की एक अदालत ने अक्तूबर 2019 में राहुल गांधी को समन जारी किया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अब तक मजिस्ट्रेट अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए हैं।अब मानहानि मामला निरस्त करने के लिए राहुल गांधी की ओर से उनके वकील कुशल मोर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एस के शिंदे के समक्ष अर्जी दायर की है। इसमें कहा गया है कि उक्त टिप्पणी प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई थी, याचिकाकर्ता पीड़ित पक्ष या मामले से संबद्ध नहीं है।

श्रीश्रीमाल का कहना है कि राहुल गांधी के बयान से प्रधानमंत्री के समर्थकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने न केवल प्रधानमंत्री बल्कि भाजपा के सदस्यों को भी बदनाम किया है। इस अर्जी पर हाईकोर्ट 22 नवंबर को सुनवाई करेगी। 
केंद्र पर साधा निशाना
वहीं, राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने मित्रों के लिए और संपत्ति नहीं, बल्कि जनता के लिए सही नीति बनानी चाहिए। राहुल का यह बयान सामुदायिक रसोई योजना को लागू करने के लिए अखिल भारतीय नीति बनाने को लेकर केंद्र के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अप्रसन्नता जताए जाने के बाद आया है। उन्होंने कोर्ट की टिप्पणी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मित्रों के लिए और संपत्ति नहीं, जनता के लिए सही नीति बनाओ।’’

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सामुदायिक रसोई योजना को लागू करने के लिए अखिल भारतीय नीति बनाने को लेकर केंद्र के जवाब पर मंगलवार को गहरी अप्रसन्नता जताई थी। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए राज्य सरकारों के साथ बैठक करने के लिए उसे तीन सप्ताह का समय दिया कि कल्याणकारी सरकार की पहली जिम्मेदारी भूख से मरने वाले लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है।