नई दिल्‍ली. कमोडिटी कीमतों में हो रही बढ़ोतरी एफएमसीजी के लिए जी का जंजाल बन चुकी है. कंपनियों के सामने दुविधा ये है कि अगर वो बार-बार अपने उत्‍पादों के दाम बढ़ाती हैं तो इससे उनकी बिक्री में गिरावट आ सकती है और अगर कीमत नहीं बढ़ाती है तो उनके मुनाफे में कमी हो सकती है.

कंपनियों ने अब इस समस्‍या का समाधान प्रोडक्‍ट के वजन में कमी करके और छोटे लो यूनिट प्राइज (एलयूपी) पैक लॉन्‍च करके निकाला है. कंपनियों का कहना है कि ग्राहक भी उनकी इस नई पहल से खुश है और एलयूपी और छोटे पैक्‍स खूब खरीद रहे हैं. वजन घटाने की वजह से इन कंपनियों को पैकेट बंद उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाने पड़े हैं.

इंडोनेशिया से पाम तेल के निर्यात पर रोक और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट की वजह से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है. इन्हीं से निपटने के लिए एफएमसीजी विनिर्माता सस्ती पैकेजिंग, रिसाइकल किए उत्पादों का प्रयोग और विज्ञापन तथा विपणन में कटौती रहे हैं. इसी तरह आसमान छूती महंगाई के कारण उपभोक्ता कम खर्च करना चाह रहे हैं और बजट न गड़बड़ाये, इसलिए ‘लो यूनिट प्राइज’ पैक खरीद रहे हैं.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्ले प्रोडक्‍ट्स के सीनियर कैटेगरी हैड कृष्‍णराव बुद्धा का कहना है कि बिस्किट्स, सॉल्‍टी स्‍नैक्‍स और बैकरी प्रोडक्‍ट्स में छोटे पैक्‍स की मांग बढ़ी है. इसलिए हमने पिछले दो महीनों में एलयूपी के प्रोडक्‍शन को 12 से 15 फीसदी तक बढ़ा दिया है. बिस्किट कैटेगरी में पार्ले प्रोडक्‍ट्स के दो मशहूर ब्रांडों पार्ले-जी और हाइड एंड सीक के 10 और 5 रुपये के पैक की सेल में भारी बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह सॉल्‍टेड स्‍नैक्‍स के 30 और 60 रुपये कीमत वाले पैक ज्‍यादा बिक रहे हैं.

डाबर इंडिया के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अंकुश जैन का कहना है कि ग्राहक अब अपने मासिक बजट को काबू में रखने के लिए अफोर्डेबल पैक्‍स या फिर एलयूपीज की ओर शिफ्ट हो रहा है. इसलिए कंपनी ने अब प्रमुख ब्रांडों के एलयूपीज की सप्‍लाई में बढ़ोतरी कर दी है. डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्‍होत्रा का कहना है कि हमारे 1 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये कीमत वाले पैक की बिक्री ज्‍यादा रेट वाले पैक के मुकाबले अधिक हो रही है.