नई दिल्‍ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की सोनिया गांधी के साथ बैठक से पहले कांग्रेस ने कहा है कि विपक्षी एकता के लिए मजबूत कांग्रेस बेहद प्रभावी होगी और सहयोगियों को यह बात समझना चाहिए। इस मसले पर अब तक बैक फुट पर खेलने वाली कांग्रेस ने नीतीश कुमार, टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और शरद पवार के साथ मोर्चा संभाला है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी एकता का मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस कमजोर हो जाए। हमारे सहयोगियों को यह समझना चाहिए कि एक मजबूत कांग्रेस ही विपक्षी एकता का स्तंभ होगी। राहुल गांधी की देश जोड़ो यात्रा कांग्रेस को मजबूत करने के लिए है। यदि विपक्ष भी एकजुट हो जाता है तो बेहद अच्छा है। दरअसल बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे।

कांग्रेस की ओर से यह बयान ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब शरद पवार ने रविवार को विपक्षी एकता का समर्थन किया, जबकि उनकी पार्टी राकांपा ने साफ कर दिया है कि वह पीएम पद की दौड़ में नहीं हैं। तेजस्‍वी यादव ने कहा- सोनिया गांधी इस समय देश से बाहर हैं। जैसे ही वह नई दिल्ली लौटेगी, दोनों नेता 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले, नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली गए थे। चूंकि सोनिया गांधी उस समय देश से बाहर थीं इसलिए वह उनसे नहीं मिल पाए थे। हालांकि नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके अलावा नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं से मिले थे।