नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के कार्ड टोकनाइजेशन से जुड़े नियम लागू होने में अब महज दो से तीन दिन रह गए हैं। एक अक्तूबर के बाद से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन भुगतान करने पर मर्चेंट वेबसाइट, पॉइंट ऑफ सेल या या पेमेंट गेटवे पर आपको अपनी कार्ड की डिटेल्स की जगह टोकन देना होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब आपकी कार्ड की डिटेल्स कोई भी तीसरी पार्टी चाहे वो मार्चेंट वेबसाइट ही क्यों ना हो, सेव नहीं कर सकता है। इसके लिए आपकी जिम्मेदारी यह होगी कि इस नियम के तहत अपने कार्ड्स को टोकन में बदल लें और अपने टोकन से जुड़े विवरण को सुरक्षित रखें।
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह निश्चित कर दिया है कि कोई भी पेमेंट एग्रीगेटर, पेमेंट गेटवे या मर्चेंट एक अक्तूबर के बाद से किसी भी ग्राहक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड का डेटा अपने पास सेव करके नहीं रख सकेंगे। इसका मतलब यह होगा कि कोई भी वेबसाइट या एप 30 सितंबर के बाद से 16 अंक का कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट अपने पास बतौर डाटा स्टोर करके नहीं रख सकेंगे। बता दें कि वर्तमान में विभिन्न वेबसाइट्स और पेमेंट गेटवे कार्ड के भुगतान के दौरान सिर्फ सीवीवी नंबर और ओटीपी मांगते हैं। बाकी डेटा वे अपने पास पहले से ही सेव रखते हैं। एक अक्तूबर के बाद से आरबीआई के नए नियमों के तहत यह संभाव नहीं हो सकेगा।
एक अक्तूबर से अगर आप डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो आप ऐसा कुछ बदले हुए नियमों के साथ कर पाएंगे। भुगतान के समय आप 16 अंकाें का कार्ड नंबर, नाम और सीवीवी नंबर डालकर आगे बढ़ेंगे तो उसके बाद आपको Secure your card as per RBI guidelines option पर क्लिक करना होगा।
इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। बैंक के भुगतान पेज पर ओटीपी डालने के बाद आपके कार्ड का टोकन जेनरेट हो जाएगा। यही टोकन आप अपने मर्चेंट के साथ शेयर कर पाएंगे। अब मर्चेंट साइट्स सिर्फ यही कार्ड डाटा सेव कर सकेंगी। आरबीआई की इस कवायद का मकसद आपकी कार्ड डिटेल को स्टोर करने की बजाय उसकी सिक्योरिटी को एक एक्सट्रा लेयर देना है।
चेक आउट के दौरान अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड, जिससे भी पेमेंट कर रहे हैं, उसका विवरण सबमिट करें और अगर इस प्लेटफॉर्म पर कार्ड डिटेल्स पहले से सेव हैं, तो जिस भी कार्ड से पेमेंट करना हो, उसे सेलेक्ट करें।
इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन या फिर ईमेल आईडी पर OTP आएगा, इसे डालने के बाद आपके कार्ड का टोकन जेनरेट हो जोएगा।
आपके कार्ड का टोकन बन जाने के बाद आप कार्ड की डिटेल्स की बजाय मर्चेंट वेबसाइट पर सिर्फ टोकन डिटेल्स शेयर कर ही भुगतान कर पाएंगे।
भविष्य में जब आप उस वेबसाइट या ऐप से फिर से पेमेंट करेंगे तो आपको अपने कार्ड के नंबर के आखिरी चार डिजिट दिखाई देंगे, जिसपर आप क्लिक करने के बाद आप भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।