जिले की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गन्ने पर आधारित हैं। गन्ना नकदी फसल माना जाता है। गन्ने की फसल अच्छी होती है और चीनी मिलों में पेराई के साथ समय पर भुगतान होता है तो पूरा बाजार भी गुलजार हो जाता है। गन्ना किसानों को पिछले सीजन में चीनी मिलों से ही करीब 33 अरब रुपया गन्ना मूल्य का देना था। इसमें से अधिकांश गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। इस बार गन्ने का मूल्य 25 रुपए प्रति कुंटल बढा दिया गया है जिस कारण जिले के किसानों को करीब 250 करोड रुपए का फायदा गन्ना मूल्य बढ़ाने से मिलेगा। अब चीनी मिलों ने भी दीपावली पर्व के बाद अपनी पेराई शुरू करने की तैयारी कर ली है। डीसीओ डा. राकेश धर द्विवेदी ने बताया कि सात नवंबर को खतौली और मंसूरपुर चीनी मिल अपनी पेराई शुरू करेंगी। मोरना शुगर मिल पहले ही 31 अक्टूबर को पेराई शुरू कर चुकी है। आठ नवंबर को भैसाना शुगर मिल में पेराई शुरू हो जाएगी। तितावी और टिकौला मिल में 9 नवंबर को पेराई शुरू करने की तारीख दी है जबकि खाईखेड़ी और रोहाना चीनी मिल 10 नवंबर को चलेगी। रोहाना शुगर मिल ने अपनी पेराई क्षमता भी बढ़ाकर 25 हजार कुंटल प्रतिदिन की कर दी है। सभी चीनी मिलों ने अपनी पेराई शुरू करने की तारीख के हिसाब से गन्ने का इंडेंट जारी कर दिया है।