मेरठ. मेरठ में बच्ची शिवांगी का शव मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने इसे हादसा बताया तो ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि जिस गन्ने की ढांग में बच्ची का शव मिला है, वहां पर चार दिन पहले एसपी देहात ने डॉग स्कवॉयड और थाना पुलिस को लेकर सर्च अभियान चलाया था।
पुलिस टीम आठ दिन से लापता शिवांगी की तलाश में लगी थी। चार दिन पहले कोल्हू में गन्ने की ढांग हटाकर देखा गया था लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। बृहस्पतिवार रात बच्ची का शव मिलने की सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने इसे हादसा बताया तो बच्ची के माता-पिता ने नाराजगी जताई। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। इसके बाद पुलिस ने शव की वीडियोग्राफी कराई और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने अंदेशा जताया कि कोल्हू पर कोई किसान बुग्गी या ट्रैक्टर-ट्रॉली से गन्ना लेकर आया होगा। गन्ना पलटते समय बच्ची दब गई होगी। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अगर बच्ची दबती तो कोई आवाज आती। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।
70 रुपये लेकर बच्ची परचून की दुकान पर दाल लेने गई थी। बच्ची के हाथ में दस और बीस के नोट भी मिले। उसके दोनों हाथ नीले पड़े हुए थे। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि प्राथमिक जांच में लग रहा कि बच्ची की गन्ने के नीचे दबकर मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट शुक्रवार को आ जाएगी, जिसमें मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।
टीपीनगर थाना क्षेत्र के मुल्ताननगर निवासी धीरेंद्र सिंह की पांच साल की बेटी किट्टू का चार जनवरी को अपहरण हुआ था। सीसीटीवी कैमरे में एक युवक बच्ची को ले जाते दिखाई दिया। डेढ़ महीने बीतने के बावजूद भी बच्ची का पुलिस सुराग नहीं लगा सकी। एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना कि बच्ची की तलाश में चार टीम लगी है।
खरखौदा के जमनानगर में 11 दिन पहले एक गर्भवती युवती का शव बोरे में मिला था। सीसीटीवी कैमरे में एक युवक शव को कंधे पर ले जाते करीब डेढ़ किमी तक दिखा है। युवती की पहचान नहीं हुई और न आरोपी का सुराग लगा। एसपी देहात अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि पुलिस की टीम लगातार सीसीटीवी की फुटे