
दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार से संबंधित केंद्र सरकार के बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए केजरीवाल गैर भाजपा दल के नेताओं से मिलकर उनसे समर्थन मांग रहे हैं। इसी कड़ी में केजरीवाल बुधवार को लखनऊ आकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, यूपी के प्रभारी सांसद संजय सिंह, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना सिंह और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा भी आ रहे हैं ।
सूत्रों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी नेता दोपहर 2.30 बजे एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से सीधे सपा कार्यालय पहुंचकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों नेता संयुक्त रूप से मीडिया से रूबरू होंगे। इसके बाद केजरीवाल वहीं से दिल्ली चले जाएंगें। बता दें कि राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सीएम केजरीवाल विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात करके राज्यसभा में बिल का विरोध करने के लिए समर्थन मांग रहे हैं।
समाजवादी पार्टी अध्यादेश के खिलाफ है। ऐसे में वह इस मुद्दे पर खुलकर आम आदमी पार्टी का साथ देगी। केजरीवाल से मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष इस मुद्दे पर साथ देने की अधिकृत घोषणा कर सकते हैं। अखिलेश इस मामले में पहले भी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने ट्वीट करके अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया था। इसलिए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सपा अध्यक्ष केजरीवाल के मुहिम में साथ दे सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा और लोकसभा में तीन- तीन सदस्य हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी इनका समर्थन लेकर इस अध्यादेश का विरोध करेगी।
सपा सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के साथ उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी बातचीत हो सकती है। क्योंकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद विपक्षी एकता की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि अभी सिर्फ मुलाकात तय हुई है। अध्यादेश के अलावा किन-किन मुद्दे पर बातचीत होगी, यह तो उसी वक्त पता चलेगा।
दरअसल राज्यसभा में अभी गैर भाजपा दल के सदस्यों की संख्या अधिक है। राज्य सभा में भाजपा के 93 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दल के सदस्यों की संख्या 12 है। इस प्रकार सत्ताधारी दल की कुल संख्या 105 है। जबकि पूरे विपक्षी की सदस्यों की संख्या 133 है। इसलिए केजरीवाल की कोशिश है कि सभी विपक्षियों को एकत्र कर लिया जाए तो केन्द्र द्वारा लाए जाने वाले बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराया जा सकता है ।
केन्द्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल बीते 23 मई से ही देश भर में घूमकर विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं । केजरीवाल ने अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर चुके हैं।
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