मेरठ. मेरठ में सफाई और कूड़ा निस्तारण पर 5 वर्ष में 300 करोड़ रुपये खर्च हो गए फिर भी लोहियानगर में 92 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया। नगर निगम शहर से रोज 800 टन कूड़ा उठाने का दावा करता है, लेकिन इसके मुकाबले निस्तारण सिर्फ 300 टन का ही हो रहा है। मंगतपुरम और लोहियानगर आवासीय कॉलोनी के आसपास के गांवों की हवा और पानी में जहर घुल रहा है पर जिम्मेदारों को फिक्र नहीं है।
नेशनल हाईवे 235 के पास एमडीए की आवासीय कॉलोनी लोहियानगर में करीब 20 बीघा जमीन में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 80 फीट पहुंच गई है। यह जमीन के नीचे भी करीब 60 फीट गहरा है। स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया पर यहां सांसों में घुलते जहर से मुक्ति नहीं मिल पाई। नगर निगम के एसी दफ्तर में वर्ष 2008-09 में कूड़े से बिजली, खाद और गैस बनाने के सपने दिखाए गए। करीब 14 वर्ष बीत गए आज तक न कूड़े से बिजली बनी और न गैस। इसके उलट आबादी के बीच कूड़े का पहाड़ जरूर खड़ा हो गया।
नगर निगम ने सफाई में करीब 900 स्थायी और 2215 आउटसोर्स सफाई कर्मचारी लगाए हैं। छोटी कूड़ा गाड़ी, डंपर, ट्रैक्टर ट्रॉली, जेसीबी, पाेर्कलेन मशीनें लगाई हैं। इनके चालकों का वेतन खर्च अलग है। लोहियानगर में कूड़ा निस्तारण प्लांट संचालन पर ही करीब 12 लाख प्रति माह खर्च हो रहे हैं। इसमें डीजल और वेतन भी जोड़ लें तो सफाई पर प्रतिमाह पांच करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके बावजूद शहर में कूडे़ के पहाड़ तैयार हो गए।
नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए बच्चा पार्क रेन बसेरा परिसर में 32 लाख रुपये की मशीन लगाई जो बंद पड़ी है। बुढाना गेट धर्म धर्मेश्वर महादेव मंदिर परिसर में सात लाख रुपये की एक मशीन लगाई गई है। जिला जेल में भी दो लाख रुपये की मशीन लगाई गई। कमिश्नरी, कैलाश प्रकाश स्टेडियम समेत करीब 150 स्थानों पर वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाई गईं जो ठप पड़ी हैं।
नेशनल हाईवे 235 से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवे चरण की शुरूआत होनी है। इसके लिए लोहियानगर में जहां कूड़े का पहाड़ है वहीं इंटरचेंज बनना है। एनएचएआई ने इस पहाड़ को हटाने के लिए नगर निगम को कई बार चिट्ठी भी लिखी है, लेकिन 92 लाख मीट्रिक टन कूड़ा कहां ले जाएं यह निगम को सूझ नहीं रहा है।
नगर निगम के पास किला रोड पर गांवड़ी डंपिंग ग्राउंड की भूमि है, जहां पर कूड़े को डाला जा सकता है। नगर निगम पुराने कूड़े काे निस्तारित नहीं कर पा रहा है, वहीं रोजाना शहर से निकलने वाला कूड़ा अभी भी लोहिया नगर में डाल रहा है। इस वजह से नेशनल हाईवे के इंटरचेंज का निर्माण भी शुरू नहीं हो पा रहा है।
प्रतिदिन 800 टन से अधिक कूड़ा लोहियानगर पहुंचता है। यहां कूड़ा निस्तारण प्लांट चल रहा है। जितना कूड़ा रोज आता है उतना निस्तारित करने की क्षमता नहीं है। जो प्लांट लगा है उसकी मियाद भी एक वर्ष है। अगस्त 2021 में चालू हुआ था।
हमने कूड़ा हटाने के लिए नगर निगम को चिट्ठी लिखी है। कमिश्नर की अध्यक्षता में इस पर मीटिंग भी हो चुकी है। निगम से कहा गया है कि वहां कूड़ा डालना बंद कर दे। अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
मेरठ में पहला कूड़ा निस्तारण प्लांट लगा। हम न कूड़ा निस्तारण से संतुष्ट हैं और न शहर की सफाई से। लोहियानगर के कूड़े के ढेर को हटाने के लिए शीघ्र ही अधिकारियों से बात करेंगे। सुनीता वर्मा, महापौर नगर निगम मेरठ