आज टमाटर का दाम भले ही आसमान छू रहा हो और इन्‍हें खाना हर किसी के बस की बात न हो, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार टमाटर का सेवन कुछ लोगों को नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद में कुछ ऐसी सब्‍जियां हैं जैसे, टमाटर, आलू, बैंगन और प्याज आदि जिन्‍हें राजसिक माना जाता है। इसका मतलब यह है कि अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से पेट में एसिड और गैस बनने लगती है।

यह शरीर के तीनों दोषों (वात दोष, पित्त दोष और कफ दोष) खासकर के पित्त को बढ़ाता है। हांलाकि टमाटर में ढेर सारा विटामिन A और C पाया जाता है, मगर कुछ लोगों को इसका सेवन बेहद नुकसान पहुंचा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर मिहिर खत्री बता रहे हैं कि टमाटर किन-किन बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

वे लोग जिनकी स्‍किन में बार बार एलर्जी होती रहती है या लाल रंग के चकत्‍ते पड़ जाते हैं, उनके लिए टमाटर नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। गर्म, मसालेदार व्यंजन, खट्टे फल, टमाटर, आलू और बैंगन आदि शरीर में पित्‍त दोष को बढ़ाते हैं। स्‍किन की एलर्जी पित्‍त की वजह से ही होती है।

जिनको पीरियड में बहुत ज्‍यादा ब्‍लड आ रहा हो, उन्‍हें भी टमाटर, टमाटर सॉस, टमाटर सूप आदि नहीं खाने चाहिए क्‍योंकि यह खतरे को और ज्‍यादा बढ़ा सकता है। इसे खाने से शरीर का पित्‍त दोष बढ़ता है, जिससे हैवी फ्लो होता है।

लाल-लाल और रसदार टमाटर देखने में कितने भी अच्‍छे क्‍यों न लगें, मगर इन्‍हें खाने से पेट की एसिडिटी बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह पाचन अग्नि को मंद कर देते हैं, जिससे हाजमा बिगड़ जाता है और खट्टी डकारें और सीने में जलन होने लगती हैं। टमाटर को खाने का अच्‍छा तरीका है कि इसे हल्‍दी, मिर्च और जीरे के साथ पकाकर खाएं।

अगर आपकी किडनी में स्‍टोन है तो टमाटर का सेवन भूल से भी न करें। इसमें कैल्शियम ऑक्सालेट होता है साथ ही इसके बीजों से भी किडनी में पथरी बनने लगती है।

टमाटर पेट में जाकर गैसा बनाता है, इसलिए अगर आपको पहले से ही गैस की प्रॉब्‍लम है तो इसे न खाएं। इसके अलावा टमाटर की चाजें खाने से गठिया और सूजन भी हो सकती है। इन समस्‍याओं वाले लोगों को कच्चा टमाटर तो और भी ज्‍यादा नुकसान करता है।

टमाटर को हमेशा पका कर ही खाना चाहिए। यदि आप इसे मिर्च, जीरा और हल्‍दी के साथ मिलाकर पकाकर बनाते हैं, तो इसका खराब प्रभाव कम हो जाता है और यह उतना ज्‍यादा नुकसान नहीं करता।