नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद सामान्य जनजीवन पर काफी अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से दिल्ली-एनसीआर की सड़कें कई जगहों पर तालाब में तब्दील हो गईं। जगह-जगह जलजमाव की समस्या से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। आलम यह है कि दिल्ली में येलो अलर्ट जारी करना पड़ा है। वहीं, गुरुग्राम में तो मानो आसमान से आफत बरस रही हो। जिसके बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को जिले के सभी कॉर्पोरेट और निजी संस्थानों से कर्मचारियों को घर से काम कराने की सलाह दी। रातभर हुई बारिश ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों की हालत खराब कर दी है।

ऐसे में अगर आपको ड्राइविंग करके कहीं जाना पड़ा और आपकी कार या बाइक इस जलभराव में फंस गई तो क्या होगा। इतना ही नहीं, अगर इस भारी जलजमाव में आपकी गाड़ी बंद हो जाए तो आप क्या करेंगे। ऐसी मुसीबत के बारे में तो सोचकर ही हालत खराब होने लगती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे समय में क्या करना चाहिए।

अगर आप अपनी गाड़ी से ऐसी सड़क से गुजर रहे हैं जहां काफी पानी काफी भरा हुआ है तो आपको अपनी गाड़ी एकदम धीमी कर लेनी चाहिए और देखना चाहिए कि जब बड़े पहियों वाले वाहन उस पानी को पार करते हैं तो उनका पहिया पानी में कितना डूबता है। जब आप इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाएं तभी अपनी गाड़ी को पहले गियर में डालकर स्पीड को बिना बढ़ाए धीरे-धीरे सरकाते हुए पानी से बाहर निकालने का प्रयास करें।

अगर पास से गुजरती किसी बड़ी गाड़ी के तेजी से पानी उछालने से आपकी गाड़ी बंद हो जाए तो एक्सेलरेटर दे-देकर इंजन पर जोर देने और जबरदस्ती गाड़ी बाहर निकालने की कोशिश न करें। मॉडर्न इंजन, खासकर डीजल इंजन बहुत सेंसिटिव होते हैं जिनमें पानी बड़ी आसानी से घुस जाता है। इनको ठीक करने में काफी खर्च आता है। ऐसी स्थिति में यही बेहतर होगा कि किसी की मदद लेकर कार को पानी से बाहर निकाल लें और स्टार्ट करने से पहले किसी अच्छे मेकैनिक से जांच कराकर फ्यूल सिस्टम से पानी बाहर निकलवाएं।

यदि पानी आपकी कार के दरवाजों के स्तर तक पहुंच गया है, तो अच्छा होगा कि आप गाड़ी को कोई सुरक्षित स्थान देखकर पार्क कर दें। पानी का स्तर इससे ज्यादा बढ़ने पर पानी कार के अंदर आ सकता है, जिससे गाड़ी की इलेक्ट्रॉनिक वायरिंग में शॉट सर्किट भी हो सकती है। कई बार देखा जाता है कि शॉट सर्किट की स्थिति में गाड़ी की सेंटर लॉकिंग और खिड़कियों के कांच काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में गाड़ी लॉक भी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि गाड़ी को पार्क करके उससे बाहर निकल जाएं।

अगर जलभराव से गुजरते समय कार बंद हो जाए, तो इसे दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश न करें। ईंजन में पानी जाने से गाड़ी का ईंजन सीज भी हो सकता है। साथ ही अगर पानी में फंसी गाड़ी को बार-बार स्टार्ट करने की कोशिश की गई तो ऐसे में एग्जॉस्ट के जरिए और ज्यादा पानी ईंजन में घुस सकता है और ईंजन को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं पानी में फंसी कार का बोनट खोलने की गलती भी न करें। ऐसा करने पर पानी आसानी से गाड़ी में घुस सकता है। ऐसी परिस्थिति में गाड़ी को किसी अन्य गाड़ी की मदद से खींचकर ही बाहर निकालना चाहिए।

अगर किसी शॉट सर्किट या अन्य वजह से गाड़ी के दरवाजे और खिड़कियां काम करना बंद कर दे और नहीं खुल रही हों, तो ऐसे में सबसे पहले सीट के ऊपर लगे हेडरेस्ट को निकालें और खिड़की का शीशा तोड़ने की कोशिश करें। बता दें कि हेडरेस्ट का एक सिरा काफी नुकीला बनाया जाता है, ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में उससे शीशे तोड़े जा सकें।

आमतौर पर इंजन में पानी एयर क्लीनर और उससे होकर फ्रंट ग्रिल में जा रहे एक्सटेंशन से घुस जाता है। ऐसे में ध्यान रखें कि पानी से गाड़ी निकालते वक्त पानी फ्रंट ग्रिल पर न पड़े। डीजल इंजन तो पानी की छोटी-सी बौछार को लेकर भी बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। ऐसे में छोटी सी भूल भी काफी महंगी पड़ सकती है। बारिश में टायरों की कंडिशन भी अच्छी होनी चाहिए ताकि रोड पर गाड़ी की पकड़ मजबूत बनी रहे। इसके लिए टायरों की मोटाई 3 मिलीमीटर तो होनी ही चाहिए। इन हालातों में एबीएस वाली कारें बेहतर प्रदर्शन करती हैं।

पानी भरी सड़क पर अपनी गाड़ी की स्पीड को बिल्कुल कम कर दें और हल्का एक्सीलरेटर देते हुए गाड़ी को बढ़ाएं। इससे गाड़ी बंद नहीं होगी और आराम से पानी के बीच से निकल जाएगी।

पानी में फंसे होने पर गाड़ी का AC चालू नहीं करें। इसे बंद रखें और शीशे एक चौथाई तक खोल दें। AC चालू रखते हुए गाड़ी चलाने से पानी इंजन में तेजी से घुस सकता है, जिससे गाड़ी के बंद होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। अगर पानी में फंसे रहने के दौरान गाड़ी बंद हो गई तो आप यहां अटके रह सकते हैं।

पानी में कार का ब्रेक डाउन होने पर कभी भी इंजन को चालू करने की कोशिश न करें। ऐसी स्थिति में कार को धक्का देकर सुरक्षित जगह पर बाहर निकालें। अगर पानी में फंसे होने के दौरान गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश करते हैं तो वाहन का इंजन सीज हो सकता है। इंजन सीज होने पर इन्श्योरेंस कंपनी से किसी प्रकार का कोई क्लेम नहीं मिलेगा।

बारिश के दौरान गाड़ी के सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम को स्विच ऑफ कर दें। अगर यह ऑन रहा तो इंजन के बंद होने पर यह भी काम करना बंद कर देता है। फिर आप कार के दरवाजे नहीं खोल पाएंगे।

जलभराव में अगर पानी का स्तर कार के पहिए से ऊपर पहुंचने लगा तो गाड़ी को कभी भी स्टार्ट न करें और तुरंत अपनी कार से निकल जाएं।

कार में हमेशा जरूरी मात्रा में ईंधन भरवा कर रखना चाहिए। इसके अलावा, कुछ स्नैक्स या खाने पानी का सामान भी रख लेना चाहिए। अपनी पसंद का म्यूजिक और फुल चार्ज्ड चार्जर और मोबाइल फोन भी साथ में जरूर रखना चाहिए। इसके साथ ही अपनी गाड़ी में भगवान की तस्वीर जरूर रखें जिससे किसी संकट के समय आप भगवान का स्मरण कर सकें।