नई दिल्ली। 31 अगस्त को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी तिथि के साथ देश भर में गणेश उत्सव की धूम शुरू हो गई, जिसके 3 दिन बीत भी चुके हैं। धार्मिक मान्यातओं के अनुसार गणेशोत्सव के पूरे 10 दिन लोगों के घर में बप्पा का आना जाना लगा रहता है। लोग अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार अपने घर में विघ्नहर्ता बप्पा का आगमन करते हैं। कहा जाता है इन 10 दिनों में जो भी व्यक्ति अपने घर में बप्पा को लाता है उसके जीवन में दुख दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार गणेशोत्सव के दौरान बप्पा की पूजा करते समय खास ध्यान रखना चााहिए। अगर पूजा में किसी प्रकार की कोई भूल हो जाए तो पूजा अधूरी रह जाती है। इसलिए इनकी पूजा करते समय इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं गणेश जी की पूजा में में कौन सी चीजें वर्जित हैं।

शास्त्रों के अनुसार गणपति जी की पूजा में अक्षत यानि चावल अर्पित किए जाते हैं। हिंदू धर्म में अक्षत को बेहद शुभ माना जाता हैं, कहते हैं इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है लेकिन आपको बता दें, अक्षत अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये टूटे हुए न हों क्योंकि टूटे हुए अक्षत गणेश जी को अर्पित करने से अभाग्य बढ़ने लगता है और मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती है। इसके अलावा इस बात का भी ख्याल रखें, अक्षत को गणेश पर अर्पित करने से पहले थोड़ा गीला करके चढ़ाएं। क्योंकि भगवान गणेश का एक दांत टूटा हुआ है। इसलिए गीले चावल ग्रहण करना उनके लिए सहज होता है। गणपति को अक्षत अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

गणेश जी की पूजा में सफ़ेद वस्त्र, सफेद फूल और सफेद चंदन नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास किया था, इसलिए गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था। सफेद रंग का संबंध चंद्रमा से होने के कारण गणेश जी को अर्पित नहीं किए जाते।भगवान गणेश की पूजा में भूलकर भी तुलसी पत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। विवाह प्रस्ता व ठुकराने पर तुलसी ने नाराज होकर गणेशजी को शाप दिया कि उनके एकि नहीं बल्कि दो-दो विवाह होंगे। इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को शाप दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। इसके बाद भगवान श्री गणेश जी की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित मान जाता है।

गणेश जी को सफेद फूल या केतकी के फूल भूल कर भी अर्पित न करें।पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव को केतकी के फूल पसंद नहीं हैं। मान्यता है कि इसी वजह से भगवान गणेश जी को भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। इसके अलावा गणेश जी की पूजा में सूखे और बासी फूल भी भूलकर भी ना चढ़ाएं। सूखे हुए फूलों का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से परिवार में दरिद्रता का वास होता है। इसलिए पूजा के दौरान गणेश जी को ताजे फूल ही अर्पित करें। और जो फूल आपने पिछले दिन चढ़ाएं हैं उसे वहां से हटा दें और नए फूल चढ़ाएं।