नई दिल्ली. भारत में हर रोज लाखों लोग रेल में सफर करते हैं. इसीलिए इसे भारत की जीवन रेखा कहा जाता है. भारतीय रेलवे कम किराए में लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाता है. लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए तो आज यह भारतीयों का सबसे पसंदीदा साधन है. रेल में यात्रा करने के लिए टिकट लेना अनिवार्य है. बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी जुर्माना भरना पड़ता है. बहुत से रेलयात्रियों के साथ ऐसा भी होता है कि वो टिकट तो लेते हैं, लेकिन वह गुम हो जाता है.
अगर आपका भी रेल टिकट खो जाए तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. टिकट गुम होने पर रेलवे यात्री को डुप्लीकेट टिकट जारी करता है. अलग-अलग श्रेणी के लिए डुप्लीकेट टिकट बनवाने के नियम और फीस अलग-अलग हैं. टिकट गुम होने पर सबसे पहले यात्री को टिकट चेकर के पास जाना चाहिए और उसे टिकट गुम होने की सूचना देनी चाहिए. यात्री टिकट काउंटर पर जाकर भी डुप्लीकेट टिकट बनवा सकता है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट indianrail.gov.in पर डुप्लीकेट टिकट बनवाने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है. डुप्लीकेट टिकट बनवाने के लिए यात्री को पैसे देने पड़ते हैं. सेकेंड और स्लीपर क्लास के लिए डुप्लीकेट टिकट आपको 50 रुपये में मिल जाएगा. इनसे ऊपर की श्रेणी के लिए के डुप्लीकेट टिकट बनवाने के लिए आपको 100 रुपये देने होंगे. अगर रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद कंफर्म टिकट गुम हो जाता है तो किराये का 50 फीसदी भुगतान करना होता है.
अगर किसी यात्री का टिकट कंफर्म होने के बाद फट गया है तो उसे डुप्लीकेट टिकट किराए का 25 फीसदी भुगतान करने के बाद ही मिलेगी. वेटिंग लिस्क वाली फटी हुई टिकट के लिए डुप्लीकेट टिकट नहीं बनवाई जा सकती. अगर आपका खोया ओरिजिनल टिकट मिल जाता है तो आप दोनों टिकटों को ट्रेन छूटने से पहले रेलवे काउंटर पर दिखाकर डुप्लीकेट टिकट के लिए चुकाए वापस ले सकते हैं.
अगर आपके पास प्लेटफॉर्म टिकट है और आपके किसी कारणवश ट्रेन में यात्रा करनी पड़ जाए तो यह टिकट आपके लिए बहुत काम आएगी. ट्रेन में टीटीई से संपर्क करें और जहां तक आपको यात्रा करनी है, वहां तक का टिकट आप बनवा सकते हैं. निर्धारित किराए के साथ पेनल्टी के रूप में कुछ पैसे लेकर टीटीई टिकट बना देगा.