इस वर्ष की अंतिम अमावस्या 23 दिसंबर 2022 (शुक्रवार) को आ रही हैं। अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है। बहुत से लोगों की जन्मकुंडली में भी पितृ-दोष होता है। कई लोगों के घरों में भी पितृदोष होता है जिसकी वजह से उनकी तरक्की नहीं हो पाती हैं। ऐसे में पितृदोष की शांति एवं पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या को विभिन्न धार्मिक कार्य किए जाते हैं।

मान्यता है कि इस दिन किए गए कर्मकांड व दान-पुण्य से पितृदेव प्रसन्न होते हैं और सफलता तथा तरक्की पाने का आशीर्वाद देते हैं। आचार्य अनुपम जौली के अनुसार इस दिन कुछ आसान से उपाय करके आप भी अपने भाग्य को चमका सकते हैं। जानिए पितृ दोष एवं अमावस्या को किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में

शास्त्रों में दो तरह का पितृ दोष बताया गया है। पहला दोष जन्मकुंडली में ग्रहों के संयोग से बनता है, उदाहरण के लिए कुंडली के दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, नौवें और दसवें घर में सूर्य राहु या सूर्य शनि का संयोग होने पर पितृ दोष बनता है। यदि लग्नेश छठे, आठवें, बारहवें भाव में हो या राहु लग्न में हो तो भी पितृ दोष बनता है।

यह माना जाता है कि कई बार हमारे पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष या दूसरा जन्म प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में वे आत्माएं इधर-उधर भटकती रहती हैं। वे हमारे पूर्वज हैं, इसलिए उनके दुखी होने पर भी उनके वंशजों व उनके परिवार को भी दुखी होना पड़ता है। इसे स्थिति को घर में पितृ दोष होना कहा जाता है। इन दोनों ही तरह के पितृ दोषों के निवारण के लिए कई उपाय बताए जाते हैं।

इस वर्ष 22 दिसंबर 2022 (शुक्रवार) को अमावस्या आ रही है जो इस वर्ष की अंतिम अमावस्या है। ऐसे में आप भी ज्योतिषियों द्वारा बताए गए उपाय करके अपने पितृ दोष को दूर कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। जानिए इन उपायों के बारे में