देवताओं की दीपावली को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। देव दिवाली को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि देव दीपावली की रात भगवान शिव शंकर के साथ सभी देवी-देवता धरती पर आते हैं और दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं। ऐसे में पूजा-पाठ के साथ-साथ अगर कुछ उपाय भी कर लिया जाए, तो देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन एक आटे या मिट्टी का दीया लें और इसमें तेल या घी डालकर उसे प्रज्वलित करें। इसके बाद इस दीए में 7 लौंग डाल दें। ऐसा करने से घर में खुशहाली आएगी और दरिद्रता भी दूर होगी।

देव दिवाली के दिन सरोवर या फिर देव स्थान पर जाकर दीपदान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन की समस्याओं का अंत होता है।
देव दीपावली के दिन जरूर करें ये उपाय

देव दिवाली के दिन रात में अपने घर में भी दीपावली की तरह दीप जलाने चाहिए। साथ ही घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों की तोरण लगानी चाहिए। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके घर में निवास हैं।

देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति पर तुलसी के 11 पत्तों को किसी धागे की सहायता से बांध दें। ज्योतिष मन्यता है कि ऐसा करने से धन-संपत्ति से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी और घर में धन आगमन की राह खुलेगी।