मोदीनगर  : डॉ. रेणूका यादव ने अंग्रेजी में लिखे सुसाइड नोट में बेहद भावुक बातें लिखते हुए मम्मी-पापा को सॉरी बोलते हुए लिखा कि आपने मेरी हर इच्छा पूरी की, मैंने जो मांगा आपने वही दिया। मगर मुझे लगता है कि मैंने हमेशा आपको निराश किया है। मैं इतनी मजबूत नहीं हूं कि मैं कोई तनाव झेल सकूं।

यूपी के मोदीनगर स्थित डीजे डेंटल कॉलेज के महिला छात्रावास में डॉक्टर रेणूका यादव के मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है। रेणूका तबीयत खराब होने की वजह से दो दिन से कॉलेज नहीं जा रही थी। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि छात्रावास के वॉर्डन के अनुसार रेणूका आत्मदाह से कुछ घंटे पहले यानी शुक्रवार शाम अपनी कुछ सहपाठियों के साथ बाजार और पॉर्लर गई थी। वॉर्डन ने रात 10 बजे की उपस्थिति भी भरी थी। मगर शनिवार सुबह रेणूका के कैमरे का दरवाजा नहीं खुला। मोबाइल पर लगातार कॉल की गई मगर कोई उत्तर नहीं मिला इसके बाद ही अनहोनी की आशंका पैदा हो गई थी।

मोदीनगर के निवाड़ी मार्ग स्थित डीजे डेंटल कॉलेज के महिला छात्रावास में शनिवार दोपहर रेजिडेंट डॉक्टर रेणूका यादव का शव कमरे में पंखें से लटका मिला था। डॉ. रेणूका ने करीब एक माह पूर्व ही एमडीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। पुलिस को उसके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमें उसने मरने के कारणों का स्पष्ट कारण तो नहीं लिखा लेकिन भावुक कर देने वाली बातें जरूर लिखीं।

हरियाणा के रेवाड़ी स्थित गांव कोसली निवासी रामेश्वर यादव सीआरपीएफ में उपनिरीक्षक हैं। रामेश्वर ने बताया कि उनकी 26 वर्षीय पुत्री रेणूका ने हरियाणा के सिरसा से बीडीएस किया था। डॉ. रेणूका ने लगभग एक माह पूर्व निवाड़ी स्थित डीजे डेंटल कॉलेज एमडीएस ऑरल सर्जरी में प्रवेश लिया था। डॉ. रेणूका दिव्य ज्योति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूसंस के महिला छात्रावास के कमरा नंबर 302 में अकेली रहती थी। तीन दिन पूर्व डॉ. रेणूका की तबीयत खराब हुई तो उसने कॉलेज से दो दिन की छुट्टी ले ली। शनिवार को उसे कॉलेज जाना था, मगर वह कॉलेज नहीं पहुंची।

इसके बाद प्रोफेसर ने रेणूका को कॉल की, लेकिन बात नहीं हो पाई। दोपहर 12 बजे सहपाठी रेणूका के कमरे पर पहुंची तो दरवाजा बंद मिला। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो सहपाठियों ने कॉलेज प्रशासन को मामले की जानकारी दी। इसके बाद वार्डन गीता भटनागर ने भी दरवाजा खुलवाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। कारपेंटर कृष्ण कुमार को मौके पर बुलाया गया। सहपाठी और वार्डन कमरे में दाखिल हुई तो रेणूका यादव पंखे से फंदे पर लटकी मिली। यह देखकर उनकी चींख निकल गई। सूचना के बाद एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय व निवाडी थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके से बरामद सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया। एसीपी का कहना है कि मामला प्रथमदृष्टया खुदकुशी का लग रहा है।

छानबीन के दौरान पुलिस को घटना स्थल से एक पीले रंग की छोटी सी पर्ची बरामद हुई। आमतौर पर ऐसी पर्ची किसी विशेष मुद्दे को रेखांकित करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। पुलिस के अनुसार पीली पर्ची सुसाइड नोट है। डॉ. रेणूका यादव ने अंग्रेजी में लिखे सुसाइड नोट में बेहद भावुक बातें लिखते हुए मम्मी-पापा को सॉरी बोलते हुए लिखा कि आपने मेरी हर इच्छा पूरी की, मैंने जो मांगा आपने वही दिया। मगर मुझे लगता है कि मैंने हमेशा आपको निराश किया है। मैं इतनी मजबूत नहीं हूं कि मैं कोई तनाव झेल सकूं। इस खुदकुशी की केवल मैं ही जिम्मेदार हूं। पुलिस ने सुसाइड नोट फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।

रेणूका यादव के पिता रामेश्वर यादव सीआरपीएफ में उपनिरीक्षक हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती मध्य प्रदेश के नीमच में चल रही है। माता राजेश कुमारी रेवाड़ी के ही सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। छोटा भाई पीयूष यादव डीयू में स्नातक का छात्र है। पिता रामेश्वर यादव ने बताया कि वह रेणूका को रोजना गुड मार्निंग का मैसेज भेजते थे। जैसे ही मैसेज मिलता तो रेणूका तुरंत कॉल कर पापा से बात करती थी। रेणूका ने पापा को बताया कि उसे डायरिया की शिकायत है। इसलिए वह कॉलेज नहीं जा रही है। शुक्रवार को भी तबीतय खराब होने के कारण रेणूका ने उनसे बात नहीं की थी। शनिवार को भी रेणूका ने मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद पिता रामेश्वर को रेणूका के स्वास्थ्य को लेकर चिंता होने लगी।