नई दिल्ली. परोपकारी कार्यों के लिए दुनिया के कई उद्योगपति अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा और लोक कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं में दान देते हैं. भारतीय बिजनेसमैन भी इन कामों आगे रहे हैं. इनमें से एक नाम है आईटी कंपनी के एचसीएल के फाउंडर शिव नडार का. एडलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रॉपी लिस्ट 2022 के अनुसार, शिव नडार ने एक साल में 1161 करोड़ रुपये की रकम दान की है. अगर कैल्कुलेट किया जाए तो उन्होंने रोजाना दान के तौर पर 3 करोड़ खर्च किए.
देश का सबसे बड़ा दानवीर बनकर शिव नडार ने विप्रो के अजीम प्रेमजी को पछाड़ा दिया है. क्योंकि अजीम प्रेमजी को अब तक का सबसे बड़ा दानदाता माना जाता था. हालांकि, इस वे इस सूची में दूसरे पायदान पर हैं और उन्होंने एक साल में 484 करोड़ रुपये का दान दिया है.
शिव नडार फाउंडेशन 1994 में शुरू किया गया था. यह एक शक्तिशाली मॉडल है जो ऐसे संस्थानों के निर्माण की परिकल्पना करता है जो इसके संस्थापकों के जीवनकाल से परे जाते हैं और आने वाली कई शताब्दियों तक भविष्य की पीढ़ियों को प्रभावित करते रहते हैं. शिव नडार ने अपने परोपकारी प्रयासों को मुख्य रूप से शिक्षा पर केंद्रित किया है और एसएसएन संस्थानों, विद्याज्ञान, शिव नडार यूनिवर्सिटी, शिव नडार स्कूल खोले हैं.
हुरुन इंडिया और एडेलगिव ने गुरुवार को एडलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2022 जारी की. दान की इस राशि को 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक उनके नकद या नकद समकक्ष के मूल्य से मापा गया है. यह सूची का नौवां वर्ष है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चौथे स्थान पर आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला हैं. उन्होंने इस अवधि में 242 करोड़ रुपये का दान दिया है. वहीं, इंफोसिस के नंदन निलकेणी (159 करोड़), क्रिस गोपालकृष्णन (90 करोड़ रुपये) और एसडी शिबूलाल ने 35 करोड़ रुपये दान दिए हैं. इस लिस्ट में इनकी रैंकिंग क्रमशः 9, 16 और 28 वीं है.
इस साल की सूची में छह महिलाएं शामिल हैं और 120 करोड़ रुपये के दान के साथ 63 वर्षीय रोहिणी नीलेकणी देश की सबसे उदार महिला परोपकारी हैं. हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, ”अरबपति परोपकार के कार्यों में शामिल रहते हैं और मुझे उम्मीद है कि ये संख्या अगले पांच वर्षों में कम से कम दोगुनी हो जाएगी.”
माइंडट्री के सह-संस्थापक सुब्रतो बागची और एन एस पार्थसारथी शीर्ष 10 दानदाताओं में शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक ने 213 करोड़ रुपये दान दिए. क्वेस कॉरपोरेशन के चेयरमैन अजीत इसाक ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु को 105 करोड़ रुपये दान में दिए। वह दानियों की
इसके अलावा सबसे युवा परोपकारी की सूची में ब्रोक्रिंग फर्म जेरोधा के 36 वर्षीय निखिल कामथ को एडेलगिव हुरुन परोपकार सूची 2022 में सबसे कम उम्र का परोपकारी बिजनेसमैन बताया है. उन्होंने और उनके भाई नितिन कामथ ने इस साल अपने दान को 300 प्रतिशत बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया.