नई दिल्ली। थलसेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कहा है कि भारत की उत्तरी सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘स्थिरता’ है और वहां हर जगह भारतीय फौज यानी सशस्त्र बलों का ‘मजबूत नियंत्रण’ है. आपको बता दें अरुणाचल प्रदेश में तवांग शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित सीमावर्ती क्षेत्र यांगत्से में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के हफ्त भर बाद कलिता ने यह बात कही है.

भारत ने चीन सीमा यानी एलएसी पर अभेद सुरक्षा इंतजाम किये हैं. भारतीय सैनिकों के पराक्रम की वजह से वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. ऐसे में ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसकी हर चाल नाकाम की जा रही है. इसी सिलसिले में LAC पर ऐसे हथियार तैनात किए जा रहे हैं, जिससे चीन में खलबली मच गई है. घातक हथियार तैनात करने की रणनीति में भारत अब चीन सीमा पर इजरायली मिसाइल रैंपेज को तैनात करने की योजना बना रहा है. ये मिसाइल चीन को घर में घुसकर मार कर सकती है. हालांकि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, इसके बावजूद आइए बताते हैं इजरायल के इस घातक हथियार की खूबी.

रैंपेज लंबी दूरी की हवा से जमीन पर मार करने वाली प्रेसाइस सुपरसोनिक मिसाइल है. जो करीब 15 फीट लंबी और 570 Kg वजनी है. जीपीएस गाइडेड मिसाइल की रेंज 250 किमी है. इसे राडार पकड़ तो सकता है लेकिन इसकी रफ्तार इतनी तेज है कि इसे इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता. यानी दुश्मन चाहकर भी इसे अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल से मार कर गिरा नहीं सकता. ये मिसाइल खराब मौसम में भी सही निशाना लगा सकती है. इसे फाइटर प्लेन से लांच किया जा सकता है. इस मिसाइल के एक वार में दुश्मन का करीब 500 मीटर का इलाका पूरी तरह से बर्बाद यानी खत्म किया सकता है.

इस मिसाइल को इजरायल की कंपनी एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. ये किसी भी हाई-वैल्यू टारगेट को ध्वस्त करने में ज्यादा समय नहीं लगाती. एक बार में किसी भी फाइटर जेट पर चार मिसाइल लगाए जा सकते हैं. इसे हैक या जैम करके बीच में रोका नहीं जा सकता है. रैंपेज मिसाइल की खासियत यही है कि इसे एक बार टारगेट दिखा कर दाग दो और भूल जाओ. स्पीड सुपरसोनिक है. ये अपने टारगेट पर करीब 35 किलोमीटर प्रति मिनट की दर से दुश्मन की ओर बढ़ती है.