जबलपुर. स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के तहत शासकीय महाकोशल कालेज और नव ज्योति नशा मुक्ति केन्द्र, अवधपुरी, जबलपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर में नशा मुक्त जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नवज्योति नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र के संचालक हेमंत सोलंकी ने बताया कि नशे के फैशन व मादक पदार्थो के सेवन से होने वाले मानसिक एवं शारीरिक दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत से बताया।

स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के संभागीय नोड़ल अधिकारी प्रो.अरूण शुक्ता ने , जबलपुर ने बताया कि नशा मुक्त जागरुकता पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें बताया गया कि विद्यार्थियों के करियर में नशा बाधक तत्व के रुप में उभर कर सामने आ रहा है। हमें विद्यार्थियों को नशे से होने वाली हानि से परिचित कराना होगा, जिसमें नशा मुक्ति केंद्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। नशा विद्यार्थियां के करियर को प्रभावित कर रहा है। संगोष्ठी में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.एसी तिवारी, डॉ. रुपेन्द्र गौतम, डॉ. वल्के, डॉ. राहुल झारिया, डॉ. रुचि अर्जुनवार के साथ लगभग 60 विद्यार्थी उपस्थित रहे।

इस सदी की सबसे भयानक समस्या है, मादक पदार्थो का सेवन। किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नाश की जड़ है। इसके सेवन से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक ,आर्थिक, सामाजिक और चारित्रिक रूप से विनाश के गर्त में गिर जाता है। उक्त विचार वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी के विमला दीदी ने अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर दिए। परिचर्चा–मेरा भारत, व्यसन मुक्त भारत में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से मनुष्य अपनी सारी कमजोरियों पर जीत पा सकता है। इस अवसर पर जी सी एफ के ब्रिगेडियर विमलेन्दु महापात्र भी मौजूद रहे।

नवज्योति नशा मुक्ति केंद्र के संचालक हेमंत सोलंकी जी ने कहा वर्तमान समय में बढती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण हो रहे मानसिक तनाव को नहीं झेल पाने के कारण युवा वर्ग नशीले पदार्थो के सेवन की ओर अग्रसर हो जाता है।