नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति से संबंधित धन शोधन रोकथाम मामले में गुरुवार को छत्तीसगढ़ के आईएएस समीर विश्नोई, इंद्रमणि समूह के सुनील अग्रवाल और फरार आरोपी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि संघीय एजेंसी ने राज्य की राजधानी रायपुर से तीनों को गिरफ्तार किया.
आईएएस समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत का अनुरोध करेगी. इससे पहले एजेंसी ने रायपुर स्थित ‘छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी’ के सीईओ एवं 2009 बैच के आईएएस अधिकारी विश्नोई से बुधवार को पूछताछ की थी.
सरकारी अधिकारियों, व्यवसायियों और निजी संस्थाओं के कथित गठजोड़ द्वारा राज्य में ट्रांसपोर्टर से ‘अवैध उगाही’ करने से जुड़े धनशोधन के मामले में एजेंसी ने 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कई छापे मारने के बाद ये गिरफ्तारियां कीं. राज्य में इन छापों को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यह डराने की कोशिश है और चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा यह और बढ़ेंगी.
ईडी ने छत्तीसगढ़ में हालिया छापों में लगभग चार करोड़ रुपये की नकदी और जेवर बरामद किए हैं. संघीय एजेंसी ने आयकर विभाग की शिकायत और आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है.
आयकर ने पहले छत्तीसगढ़ सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बहुत करीबी कुछ अधिकारी कोयले और अन्य व्यापारियों से कमीशन/रिश्वत लेने में शामिल हैं. लेकिन, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय धन शोधन रोधी एजेंसी ने छापेमारी करने वालों में आईएएस जेपी मौर्य और रानू साहू के घर भी शामिल हैं. ईडी की टीम ने तीन आईपीएस अधिकारियों के परिसरों की भी तलाशी ली.