मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री चेहरे पर फाइनल फैसला लिया जाना है. हालांकि, यह लगभग तय हो गया है कि एकनाथ शिंदे दोबारा सीएम नहीं बनने वाले. इसकी जगह अब एकनाथ शिंदे ने बीजेपी आलाकमान से बड़ी डिमांड की है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर एकनाथ शिंदे ने शिवसेना का पक्ष रखा और विधान परिषद के अध्यक्ष पद की मांग के साथ 12 मंत्री पद की मांग की.

बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने कई अहम विभागों की डिमांड रखी है. वहीं, शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया है कि वह पालक मंत्री की जिम्मेदारी का आवंटन करते समय शिवसेना का उचित सम्मान बनाए रखें.

गुरुवार (28 नवंबर) की देर रात अमित शाह के साथ हुई बैठक में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. हालांकि, ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मना लिया है, क्योंकि कार्यकारी सीएम ने अमित शाह पर भरोसा जताते हुए कहा है कि शिवसेना महायुति के साथ ही है.

गौरतलब है कि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी चीफ अजित पवार और अन्य महायुति नेताओं ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. मीटिंग के बाद शिंदे, फडणवीस और अजित पवार दिल्ली से रवाना हो गए.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी थी कि महायुति के मुख्यमंत्री को लेकर कोई बाधा नहीं है. यह ‘लाडला भाई’ दिल्ली आ गया है और ‘लाडला भाई’ मेरे लिए किसी भी अन्य पद से ऊंचा पद है.” बता दें, बीते बुधवार एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया जाने वाला हर फैसला मानने को तैयार हैं. इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर निर्णय भी शामिल है.

एकनाथ शिंदे ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि अगर मेरी मौजूदगी से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई बाधा आती है, तो निर्णय लेने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए. आप जो भी निर्णय लेंगे, वह मुझे स्वीकार्य होगा.”