नई दिल्ली. एलन मस्क की कंपनी टेस्ला को इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए भारत में स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा. कंपनी को वही सुविधाएं दी जाएंगी जो बाकी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनियों को दी जा रही है. भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहले से इन्सेंटिव योजनाएं चला रही है. सरकार ने साफ किया है कि टेस्ला अगर भारत में अपना प्लांट लगाता है तो उसको भी वही और उतनी ही सुविधाएं दी जाएंगी.

भारत के कार्बन एमिशन को नेट जीरो करने के लिए भारत सरकार ने कई जरूरी कदम उठाए हैं. इसी के तहत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है. सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार कर रही है. निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैटरी सेल और गाड़ी निर्माता कंपनियों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम भी चला रही है. इसके लिए लगभग 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं. सरकार का कहना है कि भारत में सभी निर्माता कंपनियों के लिए पॉलिसी एक ही रहेगी. सरकार किसी कंपनी को अलग ट्रीटमेंट नहीं देगी.

इम्पोर्ट होने वाली गाड़ियों पर भारत सरकार 60 से 100 प्रतिशत तक की कस्टम ड्यूटी लगाती है. साल 2021 में टेस्ला ने मांग की थी कि भारत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम करे. इस पर भारत ने टेस्ला से कहा था कि कस्टम ड्यूटी नहीं घटाई जाएगी. भारत ने टेस्ला से भारत में मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाने को कहा था.

केंद्रीय परिवहन मंत्री ने एक इंटरव्यू में बताया था कि टेस्ला ऑफिशियल्स से बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो चीन में गाड़ी बनाकर भारत में बेचने की जगह, भारत में निर्माण करें, यहां बेचें और यहां से दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करें. उन्होंने कहा था कि सरकार इसमें कंपनी का पूरा सहयोग करेगी. जून में टेस्ला के रिप्रेजेंटेटिव्स भारत दौरे पर आए थे.

बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे में भी एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद एलन मस्क ने कहा था कि वो कॉन्फिडेंट हैं कि टेस्ला भारत में अपनी मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाएगा. उन्होंने कहा था, ‘मैं हड़बड़ी में कोई अनाउंसमेंट नहीं करना चाहता, लेकिन एक सिग्निफिकेंट इनवेस्टमेंट और भारत के साथ एक नए रिश्ते की शुरुआत की पूरी संभावना है.’