मंच पर पैरालंपिक के सितारे… सामने जिले भर से आए दिव्यांग खिलाड़ी। दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करने वाले सितारों का सम्मान समारोह शुरू हुआ तो माहौल बदलता चला गया। तालियों का शोर थमने का नाम नहीं ले रहा था। इन खिलाड़ियों के हौसले की कहानी सुनकर आंखें नम हो गईं। खिलाड़ियों के साथ परिजनों के साथ दिव्यांग खिलाड़ियों का भी मन भर आया। कहने लगे… ये हैं हर दिव्यांग के आईडियल, कितना कुछ झेला, पर हारे नहीं।  

पैरालंपियन खिलाड़ियों के इस सम्मान के पीछे जो संघर्ष छिपा था, उसे दो शब्दों में बया नहीं किया जा सकता था। लेकिन कुछ पलों में कुछ बातें उनके संघर्ष सामने आईं तो पूरे समारोह का माहौल बदल गया। किसी ने 10 साल की उम्र में हादसे में अपनी चलने की शक्ति गंवाने के बाद भी जिंदगी से हार नहीं मानी तो किसी ने दिव्यांगता के सामने खुद को कमजोर नहीं रहने दिया। इनके हौसले के साथ इनके परिवार का त्याग भी कम नहीं रहा। बेटे को जब डॉक्टर ने बताया कि फिजियोथेरेपी के बिना शरीर काम नहीं करेगा तो मां ने ही खुद फिजियोथेरेपी करना सीख लिया। इन सभी सितारों की ऐसी कहानी सुनकर हर आंख नम हो गई। भीगी आंखों से समारोह में मौजूद दिव्यांग खिलाड़ी तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन करते रहे। एक-दूसरे की तरफ देखकर कहते रहे…वाकई अगर ये भी दिव्यांगता को लेकर मानसिक रूप से खुद को दिव्यांग मान लेते तो आज यहां मुख्यमंत्री इनको सम्मानित न करते।

मुख्यमंत्री ने परिजनों को बुलाया तो खिल गए चेहरे 
मंच पर सम्मान पाने वाले पैरालंपिकों के परिजनों को वीआईपी गैलरी में बिठाया गया था। जब सम्मान के लिए पहली पैरालंपिक खिलाड़ी अवनि का नाम पुकारा गया तो मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने संचालकर्ता को टोक दिया। कहने लगे इनके परिजन कहां हैं, उन्हें भी बुलवाइए। अधिकारी परिजनों को दौड़कर लाए तो अवनि का भी चेहरा खिल गया। परिजनों ने योगी आदित्यनाथ और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ सेल्फी ली। समारोह खत्म होने के बाद मंच पर सेल्फी लेने के दौरान परिजन यही कहते रहे कि ये योगी जी ने बहुत अच्छा किया जो हमको भी मंच पर बुलवा लिया।

डॉक्यूमेंट्री देखकर हर कोई हुआ रोमांचित 
समारोह में पैरालंपियन विजेताओं के टोक्यो में जीत के पलों पर चार मिनट की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इसमें खिलाड़ियों की जीत के बाद का जोश दिखाई दे रहा था। डॉक्यूमेंट्री देखहर दिव्यांग खिलाड़ी रोमांचित हो गए। इसके बाद तालियां गूंजने लगी।

राष्ट्रगान से हुआ समारोह का समापन 
समारोह के समापन पर राष्ट्रगान हुआ। जो दिव्यांग खिलाड़ी खड़े नहीं हो सकते हैं, उन्होंने भी हाथ उठाकर राष्ट्रगान में हिस्सा लिया।

पैरालंपिक खिलाड़ियों के सम्मान में मेरठ ने बिछाए पलक पांवड़े 
हाथों में तिरंगा… जुबां पर भारत माता के जयकारे। देशभक्ति तरानों के साथ बैंड की धुन पर छात्र-छात्राएं खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा रहे थे। भारत माता के जयकारों के बीच मेरठ में आपका स्वागत है, सुस्वागतम…सुस्वागतम गूंजने लगा। विवि तक हुए भव्य स्वागत से पैरालंपिक सितारे गदगद हो गए। कहने लगे मेरठ का शुक्रिया…जो हमें इतना प्यार दिया।  
होटल हारमनी इन से बृहस्पतिवार सुबह साढ़े नौ बजे पैरालंपिक विजेता लो फ्लोर बसों से पुलिस एस्कॉर्ट के साथ कृषि विवि के लिए निकले।  फूलों, गुब्बारों, रंगोली से सजे चौराहों पर देशभक्ति तरानों के बीच बच्चों की आवाज गूंजती रही… पैरालंपिक के सितारों मेरठ में आपका स्वागत है। तेजगढ़ी चौराहे पर जीआईसी के स्काउट गाइड और बीडीएस स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बैंड और नारे लगाकर खिलाड़ियों का स्वागत किया। सीसीएसयू के गेट पर सड़क के दोनों तरफ सत्यकाम स्कूल के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न मुद्राओं में खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। जेल चुंगी, कमिश्नरी आवास चौराहा,  माल रोड और गांधी बाग चौराहे पर बीएवी, पुलिस मॉर्डन स्कूल, सेंट जोंस स्कूल, इस्माईल गर्ल्स इंटर कॉलेज, सेठ बीके माहेश्वरी गर्ल्स इंटर कॉलेज और शांति निकेतन के छात्र-छात्राओं ने धूमधाम से स्वगात किया गया। बैंड पर देशभक्ति तरानों की प्रस्तुति दी। मोदीपुरम में दयावती मोदी एकेडमी और एमएसबी इंटरनेशनल स्कूल भराला के छात्र-छात्राओं ने फूल बरसाकर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। पैरालंपिक विजेता भी इस स्वागत से भावुक हो गए। खुशी से कई की आंखें भी नम हो गईं। उन्होंने बच्चों का बेहद गर्मजोशी से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। 

मंच पर दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति 
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि में सुबह सवा नौ बजे से स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भव्य प्रस्तुति दी।  वेद इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने मंच पर यार परिंदा है तू, दिखला दे जिंदा है तू…कहते हैं हमको प्यार से इंडिया वाले, छू लेते हैं दिल के तार इंडिया वाले गीत पर शानदार प्रस्तुति से समा बांध दिया। कार्यक्रम  स्कूल चेयरमैन अजित कुमार, चेयरपर्सन बेबी भराला के निर्देशन में हुआ।