नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां खुलने के बाद भी राजस्व के मामले में दिल्ली सरकार की स्थिति अभी बहुत बेहतर नहीं दिखाई दे रही है। बिक्री एवं कर विभाग से अगस्त की अपेक्षा सितंबर में एक भी पैसा अतिरिक्त राजस्व सरकार को नहीं मिल सका है। अगस्त में कुल राजस्व 3605 करोड़ आया था, सितंबर में भी इतना ही राजस्व आया है। हालांकि, पिछले साल सितंबर की अपेक्षा इस सितंबर में 459 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया है। यह राशि इस साल 15 फीसद अतिरिक्त है। दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में इस माह से हालात ठीक होंगे, राजस्व बढ़ सकेगा।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए 69 हजार करोड़ का बजट रखा है। इस लक्ष्य के हिसाब से राजस्व एकत्रित करने के लिए विभाग कोशिश भी कर रहे हैं। मगर बजट के इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सरकार को खासी मसक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि, कोरोना काल में खासकर लोगों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आर्थिक तंगी के चलते शहर की विकास की योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है।

जुलाई और अगस्त में जिस तरह से राजस्व बढ़ा था, उम्मीद की जा रही थी कि सितंबर में राजस्व बढ़ेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अगस्त और सितंबर में बराबर ही राजस्व रहा है। सितंबर को मिला लें तो अप्रैल से अभी तक सरकार को 14501.68 करोड़ का राजस्व मिला है।, जबकि, 2020 में इन छह माह में 10636 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस हिसाब से अगर आंकलन करें तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल अभी तक 3865.68 करोड़ की राशि अधिक मिली है। राजस्व देने वाला सरकार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण महकमा आबकारी विभाग है।

उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया भी इन हालात पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार का राजस्व नहीं बढ़ा तो विकास कार्यों पर भी असर पड़ सकता है।