नई दिल्ली. डॉ. कुमार विश्वास के बारे में इन द‍िनों फेसबुक पर एक पोस्‍ट काफी शेयर हो रहा है। जिसमें उन्होंने फादर्स डे पर अपने पिता जी को याद करते हुए उन्होंने कुछ अविस्मरणीय अनुभव साझा किए हैं। कुमार विश्वास ने जिंदगी विथ ऋचा में अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक किस्सा सुनाया। जिसमें उन्होंने बताया कि वह गाड़ी लेने के बाद भी पिता जी को बताने से कतराते थे कुमार विश्वास; आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा-

कुमार विश्वास ने पुराने दिन को याद करते हुए बताया कि, “पिता जी लोवर मिडिल क्लास गांव से आए। तो उनके जीवन की सबसे चुनौती अर्थतंत्र थी। उन्होंने अपने जीवन में आर्थिक कष्ट बहुत झेला और आज 82 वर्ष की आयु में सभी भाइयों के समृद्ध हो जाने के बाद भी उनकी आर्थिक असुरक्षा अभी तक नहीं गई है।” आगे उन्होंने बताया कि यदि हम कोई बड़ी गाड़ी खरीद लें तो हम उन्हें बताते नहीं हैं कि कितने की आई, अन्यथा वह उसे अपव्यय कह सकते हैं। उनको लगता है कि क्या जरूरत थी। इतनी बड़ी गाड़ी, अब ये मर्सिडीज़; पहले इनोवा थी तो फॉर्च्यूनर क्यों ले ली ये वो कह सकते हैं।

मेरा जो फार्महाउस है उसमें कोई काम कर लूं तो कहते हैं कि ये खेत में करने की क्या जरूरत थी। तो हम लोग आर्थिक असुरक्षा से आए हुए लोग हैं। हमारा पूरा परिवार इसके इर्द गिर्द बुना गया। पिता जी ने विशेष रूप से हम पांचों भाइयों में आर्थिक असुरक्षा को चुनौती के रूप में बोया। उन्होंने कहा- पढ़ोगे लिखोगे नहीं तो जिओगे कैसे, खाओगे क्या, रहोगे कहां?

फेसबुक पर उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि यदि माता दैहिक-सांसारिक यात्रा के आविर्भाव पर प्राण को चेतना प्रदान करती है तो उस चेतना को पोषित करने वाले पिता ही हैं। मां यदि आंगन की पूज्य वृंदा हैं तो पिता उसी आंगन को संरक्षित करने और समृद्ध रखने वाले वट-वृक्ष हैं। दुनिया आज ‘फ़ादर्स डे’ मना रही है। यूं तो सनातनी सभ्यता में माता-पिता का दर्जा ईश्वर से भी ऊंचा है! लेकिन सांस्कृतिक सहिष्णुता और हमारी समृद्ध सभ्यता में हर प्रकार के उत्सव हेतु स्थान है और पिता तो स्वयं में उत्सव हैं।

अतः लौकिक-यात्रा के तमाम रास्तों पर अपने मज़बूत कंधों का सहारा देने और मनुष्यता का पाठ पढ़ाने वाले पिताजी को इस विशेष अवसर पर असंख्य प्रणाम! इस ख़ास दिन पर सुनिए मेरी चेतना को नियंत्रित करने वाले जीवन के वे अविस्मरणीय अनुभव-पाठ जो पिताजी सायास अनायास मुझे सदा पढ़ाते रहे हैं!

आपको बता दें कि कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी (वसन्त पंचमी), 1970 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा, आर एस एस डिग्री कॉलेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं।

डॉ. व‍िश्‍वास की फीस के बारे में जो भी अटकलें लगती रहें, लेक‍िन साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ते वक्‍त दिए गए हलफनामे के मुताब‍िक उनके पास करीब 3.8 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी थी। कुमार विश्वास के पास दो कारें हैं। उन्होंने उस वक्त अपनी पत्नी की कुल संपत्ति 10.5 लाख रुपए बताई थी।