नई दिल्ली। लगातार बढ़ती हुई महंगाई के बीच एक तरफ जहां आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है, वहीं बचत के मौके भी घटते जा रहे हैं। हालत यह है कि जन लोगों की सैलरी लाख रुपये से ऊपर है, उनको भी जिंदगी की गाड़ी खींचने में परेशानी हो रही है। हालांकि सरकार महंगाई कम करने की लगातार कोशिश कर रही है और इसके लिए आरबीआई तमाम उपाय भी कर रहा है, लेकिन हालात में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में हर कोई अपनी आय बढ़ाने की फिराक में लगा हुआ है। कोई नौकरी के साथ पार्ट टाइम बिजनेस कर रहा है तो कोई दो-दो शिफ्ट में काम करने को मजबूर है।
उन लोगों की हालात फिर भी बेहतर है जो अच्छा पैसा कमाते हैं। जिन लोगों की आमदनी कम है, उनके लिए सेविंग करना बहुत बड़ी चुनौती साबित होती है। लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह है, वही राह है। अगर आपकी आमदनी कम है और आप सेविंग नहीं कर पा रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको कुछ ऐसी छोटी-मोटी ट्रिक्स बता रहे हैं, जो आपकी सेविंग को बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।
अगर आप पैसे बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खर्च कम करने करिए। ध्यान रहे, खर्च कम करने का मतलब यह नहीं होता कि आप अपने और अपने परिवार के खाने-पीने और घर-गृहस्थी के सामानों को इस्तेमाल करना बंद कर दें। दरअसल, कई बार हम फैसला नहीं कर पाते कि हमारे लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं। सैलरी आने के बाद ज्यादातर लोग महंगे होटल या बार में पार्टी करने चले जाते हैं, जिससे उनकी जेब पर काफी बोझ पड़ता है। बहुत से लोग सैलरी आने के बाद कपड़े और अन्य चीजें खरीदने लगते हैं। हम यह नहीं कह रहे कि आप ये सब एकदम से बंद कर दें, लेकिन आपको यह जरूर सोच लेना चाहिए कि ऐसा करने से महीने के अंत में आपकी बजट पर क्या असर होगा।
ज्यादातर लोग महीने में तीन-चार बार शॉपिंग करने जाते हैं। अगर आप किसी मॉल में जाएंगे तो वहां आपको एक से बढ़कर एक कपड़े, जूते, घड़ियां और अन्य ब्रांडेड साजो-सामान नजर आएंगे। ऐसे में खुद को रोक पाना खासा मुश्किल होता है और ज्यादातर लोग लालच का शिकार होकर कुछ न कुछ खरीद ही लेते हैं। कई बार हम उन चीजों को खरीदते हैं, जिनकी हमें उतनी जरूरत नहीं होती। इससे खर्च बढ़ जाता है और आप सेविंग नहीं कर पाते।
केंद्र सरकार ने 2030 तक निर्यात को दो लाख करोड़ डालर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
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सुनने में यह थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन बजट बनाना आपके सेविंग को काफी हद तक बढ़ा सकता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बजटिंग से कुछ नहीं होता और यह एक ऐसी चीज है जिसका पालन करना मुश्किल है। लेकिन सच कहें तो इसमें दोष बजटिंग का नहीं, हम सबका ही है। जब तक हम इसको लेकर अनुशासित नहीं होंगे, इसका पालन करना असंभव होगा।
अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर लोग अपनी सेविंग्स को हिल स्टेशन जाने और टूर पर खर्च करना पसंद करते हैं। ट्रिप को यादगार बनाने के लिए वे शॉपिंग भी करते हैं। इनमें बहुत से सामान ऐसे होते हैं, जिनका भविष्य में ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता। आप जब भी अपनी हॉलिडे प्लान करें, तो इस बात पर गौर कर लें कि आप इस पर कितने पैसे खर्च करने जा रहे हैं और इसका आपके बजट पर क्या असर होगा ! कहीं ऐसा तो नहीं कि आप कोई जरूरी खर्च काटकर अपनी ट्रिप प्लान कर रहे हों।
पैसे बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी बचत का कुछ हिस्सा निवेश करते रहें। अगर आप सोचते हैं कि पहले आपके खाते में ठीक-ठाक रकम हो जाए तब आप पैसा लगाएंगे तो आप गलती कर रहे हैं। यकीन मानिए, वह दिन कभी नहीं आएगा। बेहतर है कि आप बैंक एफडी, स्टॉक मार्केट या फिर म्यूचल फंड में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते रहें। सैलरी आने के साथ ही एक निश्चित अमाउंट को इंवेस्ट कर आप बढ़िया सेविंग कर सकते हैं।