लखनऊ। प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की परियोजनाओं की प्रगति की शनिवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने समीक्षा की। उन्होंने 20 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एक्सप्रेस-वे निर्माण का कार्य तेजी से हो सके इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और किसानों को मुआवजा जल्द दें।
पानी, बिजली की लाइनों की शिफ्टिंग और फारेस्ट क्लीयरेंस का काम भी तेजी से किया जाए। मुख्य सचिव ने मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, शाहजहांपुर, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, लखनऊ, उन्नाव, गोरखपुर, महाराजगंज, सहारनपुर, फतेहपुर, कौशांबी, रायबरेली, बागपत, हापुड़, शामली व मुजफ्फरनगर के डीएम को सख्त निर्देश दिए कि अगर इस काम में ढिलाई बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वह मुआवजे की धनराशि तत्काल जिलों को उपलब्ध कराई जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि बेहतर सड़कें होने से प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलता है और इंडस्ट्री आकर्षित होती हैं। यूपी को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हैं। बैठक में संबंधित जिलों के डीएम ने कहा कि वह 31 अक्टूबर 2022 तक हर हाल में सड़क निर्माण के लिए भूमि पर कब्जा व मुआवजा वितरण का कार्य पूरा कर लेंगे।
बता दें कि यूपी 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य है। इनमें से सात एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। प्रदेश में पहले से ही छह एक्सप्रेस वे संचालित थे, लेकिन 16 जुलाई को 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को भी संचालित एक्सप्रेसवे की सूची में जोड़ा गया है।