मेरठ। शाहपीर गेट में फैक्ट्री के अंदर यूएसए, सायप्रस, हांगकांग और रसिया के ब्रांडेंड प्रोटीन ओर स्टेरायड बनाकर बेचते थे। 170 रुपये में स्टेरायड का इंजेक्शन तैयार होता था। उसे दुकानदार को 1700 रुपये और ग्राहक को साढ़े चार हजार में बेचा जाता था। पुलिस ने मौके से प्रिंटिंग प्रेस से बने कंपनी के रेपर भी बरामद किए है। आप्टिमम, न्यूट्रिशन, आइसोप्योर, मसलब्लेज, मेगाग्रो, बिगमसल, मसलट्रेल कंपनी के नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड तैयार किए जाते थे। उनकी सप्लाई भी आसपास के जनपदों के अलावा दिल्ली और हरियाणा तक होती थी।
जनपद में जिम जाने वाले और बाडी बिल्डिंग करने वाले युवाओं को असली हैल्थ सप्लीमेंट के नाम पर विदेशी कंपनियों के नकली प्रोटीन व गेनर धड़ल्ले से बेचे जा रहे थे। एसओजी की कार्रवाई में आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि यूएसए, सायप्रस, हांगकांग और रसिया कंपनी के प्रोटीन सप्लीमेंट तैयार किए जाते थे। यह प्रोटीन और स्टेरायड बहुत कम रेट पर तैयार होता है। दुकानदारों को नकली बताकर कम रेट पर बेचा जाता है, जबकि दुकानदार ग्राहकों को पूरे रेट पर उक्त प्रोटीन और स्टेरायड को असली में बेचा जाता था। शहर और अन्य जनपदों के नामचीन जिम से भी उनका संपर्क है। सभी जिम को भी प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड की गोलियां और इंजेक्शन कम रेट पर बेचे जाते थे।
औषधि विभाग की टीम नमूने किए गए सील
छापामारी की सूचना पर औषधि विभाग की टीम इंस्पेक्टर पीयूष शर्मा के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। उन्होंने बरामद प्रोटीन और इंजेक्शन तथा दवाइयों से नमूने ले लिए है। पीयूष शर्मा ने बताया कि नमूनों को बुधवार को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। ताकि पता चल सकेंगे कि नकली सप्लीमेंट और स्टेरायड शरीर के लिए कितना खतरनाक होता है।
भर्ती के दौरान दौड़ लगाने में करते है छात्र स्टेरायड का प्रयोग
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि पुलिस और सेना समेत अन्य भर्तियों में दौड़ लगाने से पहले भी अभ्यर्थी स्टेरायड का प्रयोग करते थे। उक्त इंजेक्शन भर्ती में दौड़ लगाने वाले युवकों को भी महंगे दाम पर बेचे जाते थे। उनकी टीम भर्ती के समय अभ्यर्थियों से भी संपर्क करती थी। स्टेरायड की मांग जिम के अलावा मेडिकल स्टोर पर भी रहती है। इसलिए इंजेक्शन और दवाइयों का बिक्री मेडिकल स्टोर पर भी की जाती है।
इन राज्यों में भी करते थे सप्लाई
खैर नगर में दवा का बड़ा कारोबार होता है, यहां पर कई राज्यों से कारोबारी खरीदारी के लिए आते है। एसओजी के प्रभारी रामफल ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ के बाद बताया कि बड़ी मात्रा में नकली दवाओं एवं इंजेक्शन की सप्लाई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार सहित अन्य राज्यों में हो की जा रही थी। यहां से हर महीने करोड़ों की अवैध दवाओं की सप्लाई की जा रही है। पिछले दिनों बड़ी मात्रा में एसटीएफ की टीम ने नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टारायड बरामद किया था। उसके बाद भी उक्त धंधा बदस्तूर जारी रहा।