आम के सीजन की अभी शुरुआत ही हुई है. शुरुआत के साथ ही मालदा आम की खेती करने वाले किसानों को बड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल के मालदा में इस आम की कीमत 3 रुपये प्रति किलो हो गई है. घटती कीमत के चलते आम के व्यापारी अब बागों से इस आम को खरीदने से कतरा रहे हैं.
मालदा आम अभी पका नहीं है. हालांकि, इसके कच्चे आमों का अचार बनाया जाता है. बाजार में ये अच्छी कीमतों पर बिकते थे. हालांकि, पानी के अभाव में ये आम सूखकर गिर रहे हैं. इससे इनकी क्वॉलिटी पर फर्क पड़ रहा है जिसके चलते बाजार में मालदा आम की कीमतों में गिरावट आई है.
पहले मालदा के कच्चे आमों से भी यहां के बागों के मालिक और व्यापारी ठीक-ठाक लाभ कमा लेते थे. अचार बनाने के लिए लोग इस आम को तकरीबन 50 रुपये किलो तक में खरीद कर ले जाते थे. हालांकि, इस बार इसकी कीमत सिर्फ 3 रुपये होने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.
मालदा जिले में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. काफी संख्या में पेड़ से आम गिर रहे हैं. आम की खेती करने की बजाय, अगल-बगल इलाकों में रहने वाले इसका फायदा उठा रहे हैं. वह इन बगीचों से आम को बटोर कर मार्केट में बेच रहे हैं. इससे वह रोजाना 100-200 रुपये कमा ले रहे हैं.
मालदा आम को फजली आम के नाम से भी जाना जाता है, आम की एक लोकप्रिय किस्म है जो मुख्य रूप से भारत के पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में उगाई जाती है. वहीं इस किस्म की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य जिलों में भी की जाने लगी है. यह भारत में पाए जाने वाले सबसे बड़े और सबसे स्वादिष्ट आमों में से एक है. इसके रंगों की बात करें तो मालदा आम का रंग हरा-पीला और कई जगहों पर लाल रंग का भी होता है. आम के गूदे का रंग भी चटक पीला और मुलायम होता है. यह आम बेहद रसीला और रेशे रहित होता है. मालदा आम का स्वाद मीठा और साइट्रस गुणों से भरपूर होता है.