सहारनपुर: यूपी में सहारनपुर के किसान यूं तो अलग-अलग प्रकार की सब्जी की खेती करना पसंद करते हैं, लेकिन यहां के एक किसान ने अपने खेत में औषधीय गुणों से भरपूर जिमीकंद (सूरन) की खेती शुरू की है. इस फसल से किसान तगड़ी कमाई कर रहे हैं. किसान ने बताया कि एक पेड़ में 10 किलो सूरन निकलता है.

सहारनपुर की विधानसभा बेहट के गांव नुनिहारी के रहने वाले किसान सुरेंद्र कुमार ने अपने खेत में जिमीकंद (सूरन) की खेती शुरू की है. जिमीकंद की खेती अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में की जा जाती है. जिमीकंद सफल की खेती के लिए 6-8 महीने की अवधि तक 30-35 डिग्री सेल्सियस का तापमान की जरूरत होती है. आमतौर पर इसे वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाया जाता है.

इसके रोपण से पहले खेत को जुताई करके पूरी तरह से समतल किया जाता है. जिमीकंद की फसल नवंबर महीने में काटी जाती है. इस फसल की खेती में कीड़ा और फफूंद लगने का खतरा कम होता है. वहीं, पश्चिमी यूपी में जिमीकंद को लोग कम खाना पसंद करते हैं. जिमीकंद की तासीर गर्म होती है. यह खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है. इसका स्वाद पनीर जैसा लगता है.

किसान सुरेंद्र कुमार ने लोकल18 से बात करते हुए बताया कि पूर्व में सहारनपुर में कृषि विज्ञान केंद्र में डॉक्टर बीपी शाही हुआ करते थे, जिन्होंने उनको जिमीकंद दिया था. जिसको लाकर उसके कई टुकड़े कर उसको अपने खेत में लगाया था, धीरे-धीरे उन्होंने इसकी खेती को बढ़ाया.

किसान सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि जो लोग मांसाहारी हैं, वह बताते हैं कि जिमीकंद का स्वाद मीट जैसा है, लेकिन जो लोग शाकाहारी हैं. वह लोग जिमीकंद का स्वाद पनीर जैसा बताते हैं. वही लगातार दूध में हो रही मिलावट के कारण जिमीकंद पनीर का एक विकल्प है. पिछले 10 साल से सुरेंद्र इसकी खेती करते आ रहे हैं.

किसान ने बताया कि यहां जिमीकंद को अधिक नहीं लगाया जाता है. क्योंकि पश्चिमी यूपी में जिमीकंद को काफी कम लोग जानते हैं. जबकि मार्केट में इसकी काफी अच्छी डिमांड है. यह 30 रुपए से लेकर 70 किलो तक आराम से बिक जाता है. वहीं, एक पेड़ के नीचे से 10 किलो तक जिमीकंद निकलता है.

अगर किसान जिमीकंद की खेती करें, तो काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जबकि जिमीकंद की खेती करने के लिए किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती है. अब धीरे-धीरे किसान जिमीकंद की खेती को जानने लगे हैं. किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह अगले साल जिमीकंद की खेती को बढ़ाएंगे.