मेरठ।  बढ़े हुए प्रतिकर की मांग कर रहे तीन योजनाओं के किसान बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) दफ्तर पहुंचे। लोहियानगर, वेदव्यासपुरी और गंगानगर के किसानों ने अफसरों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी की। उपाध्यक्ष ने किसानों से वार्ता की और मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। किसान नहीं माने और ऐलान किया कि जब तक बढ़े हुए प्रतिकर को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक धरना जारी रहेगा।

तीनों योजनाओं के किसान बढ़े हुए प्रतिकर की मांग को लेकर पहुंचे और अपना पक्ष रखा। किसानों ने कहा कि बीते दिनों मुआवजे का सवा करोड़ रुपये भी किसानों को वितरित किया जा चुका है। अब किसानों को प्लॉट चाहिए या धनराशि, यह पूछा गया था। किसान समझौते पत्र में यह साफ कर चुके हैं। इस बीच उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय भी किसानों के बीच पहुंचे और समझाने का प्रयास किया। वहीं शाम को काफी संख्या में आई महिलाओं को भेजा गया और किसानों ने डेरा डाल लिया।

किसानों का कहना था कि अफसर लगातार वादाखिलाफी कर रहे हैं। जब तक निश्चित तिथि को लेकर ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता वे धरने पर डटे रहेंगे। शाम को तिरपाल डालकर टेंट लगा दिया गया और रजाई-गद्दे लेकर उसी में किसान बैठे। शाम को कढ़ाई चढ़ाकर धरनास्थल पर भोजन भी बनाया गया। वेदव्यासपुरी से मंगत सिंह, सतपाल मलियाना, चौधरी सुरेंद्र, गंगानगर से प्रधान जसवीर सिंह, नरेंद्र बैसला, सतपाल सिंह रजपुरा, बोविंद्र, लोहियानगर से सुरेंद्र भड़ाना, दिनेश वकील व पोपीन के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं। उधर, उपाध्यक्ष अभिषेक

किसान बृहस्पतिवार को मेडा में बिना तालमेल के धरना देने पहुंच गए। इस बीच कुछ किसानों का कहना था कि मेडा अफसरों की ओर से पंद्रह दिन का समय मांगा गया था, जिसके पूरा होने के बाद वह पहुंचे। कुछ किसानों का कहना था कि मेडा सचिव मामले को लेकर लखनऊ गए हुए हैं। शासन को अवगत कराया जा रहा है। वे धनराशि लेने को तैयार हैं, जबकि कुछ किसान प्लॉट की ही मांग कर रहे हैं।