झांसीः झांसी पुलिस अक्सर अपने कारनामों के लिए चर्चा में रहती है. वहीं एक बार फिर झांसी पुलिस का कारनामा सामने आया है. जहां समाधान दिवस में पुलिस महकमे की किरकिरी हो गई. साथ ही समाधान दिवस में मौजूद प्रशासनिक अफसरों को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई में पुलिस की कार्यशैली पर जो आरोप लगते है वो सही होते हैं.

मामला सदर बाजार थाना की पुलिस के कारनामे से जुड़ा है. जिसमें पुलिस ने शासन फाइनल रिपोर्ट भेजी. उस रिपोर्ट में यह दिखा दिया, जो छात्र जिंदा है, जो छात्र अपने माता-पिता के साथ रह रहा है, वो छात्र अब इस दुनिया में नहीं है. जिंदा छात्र को सदर बाजार थाने की पुलिस ने मध्यप्रदेश राज्य के ओरछा में बेतवा नदी में डूबकर मौत हो जाने की फाइनल रिपोर्ट लगाकर अपने पुलिस महकमे के आला अफसरों तक पहुंचा दिया.

सदर तहसील में आयोजित हुए समाधान दिवस में जिंदा छात्र के पिता जय गोपाल राय अपने जिंदा बेटे के साथ पहुंचे. समाधान दिवस में अफसरों से सदर बाजार थाने की करतूत का खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि जिस बेटे की मौत ओर छानदी में डूबकर हुई थी. उस बेटे की बजाय सदर बाजार थाने की पुलिस ने उसके छोटे बेटे रंजीत राय की मौत हो जाना अपनी रिपोर्ट में दिखाया.

पुलिस के सनसनीखेज कारनामे की शिकायत पीड़ित पिता ने पुलिस अफसरों से लेकर तहसील में संविधान दिवस में बैठे अफसरों से की. थाने की पुलिस इस सनसनीखेज करतूत के बाद समाधान दिवस में बैठी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जीबंसल ने सदर बाजार थाने के प्रभारी से पूछा आखिर जो बेटा जिंदा है जो बेटा पढ़ाई कर रहा है. उसको कैसे पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में मृत दिखा दिया.

इस बाबत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट निधि बंसल ने बताया कि पूरे मामले की शिकायत होने के बाद जिंदा छात्र को पुलिस की रिपोर्ट पर मुर्दा दिखाए जाने के हैरतअंगेज मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस पूरे मामले में लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.