नई दिल्ली. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक है. किसी भी जुर्माने से बचने के लिए करदाताओं को समय सीमा समाप्त होने से पहले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपना आईटीआर ऑनलाइन जमा करना होगा. जिन व्यक्तियों और वेतनभोगी कर्मचारियों के खातों को ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.

जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता है, उनके लिए समय सीमा 31 अक्टूबर है. हम हमेशा ही इस बात पर जोर देते हैं कि आप समय सीमा से पहले अपना आई-टी रिटर्न फाइळ कर लें…. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से क्या फायदा होता है.

नियत तारीख तक आईटीआर दाखिल नहीं करने पर आयकर नियमों के अनुसार ₹10,000 का जुर्माना या फिर दूसरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. आईटीआर फाइलिंग में देरी से आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234ए के तहत देय कर पर ब्याज भी लग सकता है.

देरी या चूक के मामले में आयकर विभाग आपको एक नोटिस भेज सकता है और आपकी कानूनी परेशानियों को बढ़ा सकता है. यदि I-T विभाग नोटिस के जवाब से असंतुष्ट रहता है औऱ उचित आधार पाता है तो कानूनी मामला भी चल सकता है.

आयकर रिटर्न दाखिल करने में एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड होने से ऋणदाताओं को ऋण स्वीकृत करना आसान हो जाता है. ऋण आवेदन के मामले में, बैंकों को उधारकर्ताओं को अपनी आय के प्रमाण के रूप में आईटीआर विवरण की एक प्रति प्रदान करने की आवश्यकता होती है.

किसी भी औपचारिक ऋण अनुमोदन के लिए आयकर रिटर्न एक अनिवार्य दस्तावेज होता है. जो व्यक्ति टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं उन्हें संस्थागत उधारदाताओं से कर्ज लेने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ सकता है.

आयकर नियम के मुताबिक, नियत तारीख से पहले आईटीआर दाखिल करने के मामले में नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में कैरी फॉरवर्ड करने की अनुमति होती है. इससे टैक्स-पेयर को भविष्य की आमदनी की अपनी कर देयता कम करने की अनुमति मिलती है.

अधिकांश दूतावासों को वीजा के लिए आवेदन करते समय व्यक्तियों को अपना आईटीआर इतिहास जमा करने की आवश्यकता होती है. टैक्स फाइलिंग का साफ-सुथरा ट्रैक रिकॉर्ड होने से वीजा आवेदन की प्रक्रिया आसान हो जाती है.