बिहार बोर्ड 12वीं क्लास की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और 10वीं क्लास की परीक्षाएं 14 फरवरी से 22 फरवरी तक आयोजित की जा रही हैं. इस बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. लापरवाही भी ऐसी की अब छात्र और उसके माता-पिता भविष्य को लेकर परेशान हैं. छात्र न सिर्फ मैट्रिक परीक्षा दे पाया बल्कि पीड़ित छात्र सदमे में चला गया है, न कुछ बोल रहा है और न ही कुछ खा पी रहा है. ऐसी हालत देखकर परिवार भी परेशान है.

दरअसल, बिहार के दरभंगा जिले के एक स्कूल में पढ़ने वाला छात्र अमन राज बोर्ड की एक छोटी सी लापरवाही के चलते मैट्रिक की परीक्षा में नहीं बैठ पाया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पहले अमन राज के रजिस्ट्रेशन में हिन्दू के जगह इस्लाम लिख दिया था. जब छात्र ने इसकी शिकायत की तो रजिस्ट्रेशन को सुधार कर बिहार बोर्ड ने हिंदू तो ठीक कर दिया लेकिन परेशानी फिर भी खत्म नहीं हुई.

अमन राज का जब मैट्रिक परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड आया तो एडमिट कार्ड पर संस्कृत की जगह उर्दू विषय लिखा देख हैरान हो गया. तत्काल इसकी सूचना फिर से स्कूल प्रसाशन को दी लेकिन इस बार स्कूल प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर लिए. स्कूल प्रशासन ने अमन से कहा कि इतने कम समय में इसे ठीक नहीं करवाया जा सकता है और यह गड़बड़ी स्कूल लेवल पर नहीं बल्कि परीक्षा समिति के स्टाफ से हुई है, इसे वहीं से ठीक कराया जा सकता है. ऐसे में अमन राज परीक्षा नहीं देने से काफी परेशान है और परिवार वाले उसकी हालत देखकर परेशान हैं.

पीड़ित छात्र अमन राज ने बताया की बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही के कारण वह मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाया. बोर्ड ने पहले रजिस्ट्रेशन में हिन्दू के बदले मुस्लिम लिख दिया, उसे ठीक कराया तो एडमिट कार्ड में हमारे विषय को बदल कर उर्दू विषय डाल दिया जबकि उसने धर्म में कहीं इस्लाम नहीं लिखा था न ही अपने विषय में उर्दू लिखा था. स्कूल प्रशासन ने इस पूरे मामले पर कहा कि अब ठीक करने का समय नहीं है या तो इसी विषय के साथ परीक्षा देनी होगी या फिर इस साल परीक्षा छोड़कर अगले साल सभी चीजें करवाकर परीक्षा देना. ऐसे में बोर्ड की गड़बड़ी के कारण मजबूरी में हमे परीक्षा छोड़नी पड़ी.

वहीं पीड़ित छात्र की मां सीमा देवी ने बताया कि उनका बेटा स्कूल और बोर्ड की लापरवाही के कारण मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाया है, परीक्षा नहीं देने के कारण उनका बेटा काफी परेशान है. घर में न कुछ पा पी रहा है और ना ही किसी से ज्यादा बात कर रहा है. उसकी परेशानी देख खुद घर के लोग चिंतित हैं, वे चाहती हैं की बोर्ड अपनी गलती सुधार कर बेटे को परीक्षा में शामिल कर लिया जाए ताकि उसका एक साल बर्बाद न हो.

जिला स्कूल के प्रिंसिपल नरेश झा ने माना की यह गलती छात्रों और स्कूल लेवल से नहीं है बल्कि यह गलती बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के स्तर पर हुई है. छात्रों ने भी अपना फार्म सही भरा है लेकिन संस्कृत विषय के बदले छात्र के एडमिट कार्ड पर उर्दू विषय लिखा आ गया है. अब इसे ठीक नहीं करवाया जा सकता है. क्योंकि इसकी शिकायत समय रहते नहीं की गई थी. उन्होंने यह भी माना कि छात्र के रजिस्ट्रेशन के समय भी उसका धर्म हिन्दू के बदले इस्लाम लिखा हुआ आया था छात्र ने समय रहते इसकी शिकायत की तो उसे ठीक कर दिया गया था.