शाहजहांपुर। गर्रा नदी की बाढ़ से हालात भयावह हो गए हैं। शहर की तरफ आने वाले अधिकतर मार्गों पर बाढ़ का पानी भर गया। लखनऊ-दिल्ली हाईव पर शुक्रवार सुबह पांच फीट तक पानी बह रहा था, जिससे दूसरे दिन भी यातायात ठप रहा। आवागमन बंद होने से लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। इधर, बाढ़ की चपेट में आने से शहर के कई मोहल्ले प्रभावित हो रहे हैं। घरों में बाढ़ का पानी है। लोगों ने छतों पर रात गुजारी। जिला प्रशासन की टीमें नावों से रेस्क्यू कर रही हैं। शहर की आवास विकास कॉलोनी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। कई घरों में चार से पांच फीट तक पानी भर गया। यहां के करीब 10 हजार लोगों ने मकान खाली किए हैं। इन लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
गर्रा नदी की बाढ़ से घिरे हजारों लोगों के सब्र का बांध शुक्रवार सुबह टूट गया। घर का जरूरी सामान लेकर लोगों ने मकान छोड़ दिया। ट्रैक्टर-ट्रॉली, नाव से लोग सुरक्षित स्थान पहुंचे। करीब 10 हजार लोगों ने पलायन किया है। अधिकतर लोगों ने शहर में शरण ली है। बाढ़ में फंसे लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बुधवार रात से गर्रा नदी का पानी राजकीय मेडिकल कॉलेज, आवास विकास कॉलोनी, नवादा इंदेपुर आदि कॉलोनियों में पहुंचना शुरू हो गया था। बृहस्पतिवार सुबह तक गर्रा नदी के आसपास की सारी कॉलोनियों में पानी पहुंच गया। इसके बाद पानी तेजी से बढ़ना शुरू हुआ।
नेशनल हाईवे पर तेज बहाव के कारण बरेली मोड़ से बरेली जाने वाला रास्ता बंद हो गया। देखते-देखते मकानों के अंदर दो से तीन फुट पानी घुस गया। इस बीच पूरे इलाके की बिजली काट दी गई। तमाम लोग बृहस्पतिवार को ही मकान में ताला बंद कर पलायन कर गए।
लोगों ने शहर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों-परिचितों के यहां शरण ली। लोगों ने किसी तरह भीषण गर्मी में रात गुजारी। सुबह होने पर भी बाढ़ कम न होने से लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया। पानी का स्टॉक भी खत्म हो चुका था। ऐसे में लोग घर से निकलने के लिए मदद मांगने लगे।
किसी तरह से लोग ट्रैक्टर ट्रॉली, नाव आदि के जरिये बाहर निकले। प्रशासन ने भी लोगों की मदद की। डीएम उमेश प्रताप सिंह और एसपी अशोक कुमार मीणा ने बरेली मोड़ पर पहुंचकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। अधीनस्थ अधिकारियों को लोगों की मदद करने और बाढ़ से बचाव के लिए निर्देशित किया।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में पांच फीट तक बाढ़ का पानी भरा है। जलभराव होने से बृहस्पतिवार को ही पूरा मेडिकल कॉलेज खाली करा लिया गया था। गंभीर मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा गया। वहीं सीएचसी पर मरीज भेजे गए हैं। ट्रामा सेंटर भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया।
अस्पताल बंद होने से स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ा है। वहीं पीएचसी-सीएचसी पर पर्याप्त डॉक्टर नहीं होने से संकट खड़ा हो गया है। बरेली मोड़ से मेडिकल कॉलेज रोड पर पानी भरने से आवागमन रोक दिया गया है। हाईवे पर बृहस्पतिवार से पानी बह रहा है। उधर, अजीजगंज स्थित दुर्गा मील में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
हाईवे पर जलभराव होने के कारण हरदोई बाईपास से बरेली मोड़ के आगे तक जाम लगा है। शुक्रवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक करीब पांच किलोमीटर के दायरे में जाम लगा हुआ था। सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। धीरे-धीरे कर निकल पा रहे हैं।