अयोध्या: सनातन धर्म में नरक चतुर्दशी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस तिथि पर यम का दीपक जलाने का विधान है. हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने 16000 गोपियों को बचाया था और राक्षस नरकासुर का वध कर विजय प्राप्त किया था. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इस साल कब है नरक चतुर्दशी और इस मौके पर आखिर क्यों यमदेव के नाम का दिया जलाया जाता है .

दरअसल अयोध्या की ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 से शुरू हो रही है और समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 पर होगा. पंचांग के अनुसार 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी.

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मौके पर दीपदान करना बहुत उत्तम माना जाता है. नरक चतुर्दशी की शाम को दीपक जलाने का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यह दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहता. इसके अलावा अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है. यमदेव का आशीर्वाद भी मिलता है. ऐसे में इस दिन यम का दीपक आवश्यक जलाना चाहिए, क्योंकि इसको शास्त्र में भी अनिवार्य माना जाता है.

दिवाली की एक रात पहले यम का दीपक जलाया जाता है. यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है. मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. साथ ही प्रार्थना की जाती है कि यमदेव नरक के द्वार बंद कर दें और हमें सेहतमंद रखें. ऐसा करने वाले जातकों पर यम की कृपा होती है.