नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते सात महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान गुरुवार से प्रतिदिन जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगें रखेंगे। इसका एलान उन्होंने पहले ही कर दिया था। प्रदर्शन के लिए प्रतिदिन सिंघु बॉर्डर से 200 किसान जंतर-मंतर जाएंगे। संसद मार्च के लिए रवाना होने के बाद किसानों का काफिला फोर्स ने बीच रास्ते में रोक दिया। राकेश टिकैत से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि पुलिस किसानों का समय खराब करना चाहती है।

आज से शुरू होने वाले इस विरोध प्रदर्शन के लिए सोनीपत से 200 किसानों का समूह रवाना हो चुका है। इसके मद्देनजर आज सुबह से ही जंतर-मंतर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

फरीदाबाद बदरपुर बॉर्डर पर किसानों के संसद कुच को लेकर बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिसकर्मी तैनात हैं। फरीदाबाद बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहन चालक व कार में बैठे लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। मालूम हो कि किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए संसद का घेराव करने का एलान किया था, लेकिन दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक में उन्हें संसद तक जाने की अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान एकत्रित हो गए हैं। उन्होंने अपनी बसों पर किसान संसद मार्च का पोस्टर लगाया हुआ है।

टिकैत ने आज सुबह किसान संसद के लिए रवाना होने से पहले कहा कि संसद के बाहर किसान तीन कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की जाएगी। विपक्ष के बारे में उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों को बाहर नहीं आना चाहिए बल्कि अंदर सदन में बैठकर मजबूती से अपनी बात को कहना चाहिए। किसान नेता राकेश टिकैत से जब यह पूछा गया कि गणतंत्र दिवस हिंसा जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए उनकी क्या तैयारियां हैं, तो उन्होंने कहा कि संसद जंतर-मंतर से केवल 150 मीटर दूर है। हम वहीं किसान संसद का आयोजन करेंगे। हम गुंडे हैं क्या? हमें गुंडागर्दी से क्या मतलब?