मेरठ. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का काला खेल चल रहा है. मेरठ में 400 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया. लेकिन इस जबरन धर्मांतरण के पीछे मोटी फंडिंग और खतरनाक मंसूबे भी है. इस पूरे खेल में एक विदेशी महिला भी शामिल है. जो लोगों को बहला-फुसलाकर और लालच देकर धर्मांतरण करवाती है. मेरठ पुलिस से इस मामले में कार्रवाई तो की है, लेकिन धर्मांतरण के असली गुनहगार अभी फरार हैं.

यह सनसनीखेज मामला मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र के मंगतपुरम इलाके का हैं. बेहद गरीब ,कूड़ा बीनने वाले और जगह-जगह से कचरा बटोर कर अपनी जिंदगी का गुजर-बसर करने वाले लोग धर्मांतरण का शिकार हो गए. इन लोगों की माने तो कोरोना काल में जब इनके सभी धंधे बंद हो गए थे और खाने के लाले पड़ गए। इस दौरान कुछ ईसाई धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग इनकी बस्ती में पहुंचे. खाने पीने की चीजें मुहैया कराई. इसके अलावा बच्चों के लिए शिक्षा और अच्छी नौकरी लगवाने का वायदा भी कर डाला और इसी की आड़ में उन्होंने अपना काला खेल शुरू कर दिया. बस्ती में ही एक अस्थायी चर्च बनवा दिया गया, जिसमें प्रार्थना सभा करवाई जाती थी. लेकिन हद तब हो गई जब उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया. इस पर कुछ लोग आपत्ति दर्ज कराने लगे. जिसके बाद लोगों ने धर्मांतरण मामले की शिकायत पुलिस से कर डाली और 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज करा दिया.

धर्मांतरण का मुद्दा सामने आते ही मेरठ पुलिस भी हरकत में आ गई. आनन-फानन में एफआईआर दर्ज कर दी गई. तहरीर में उन्हीं लोगों का नाम लिखवाया गया जो खुद ही धर्मांतरण के शिकार हुए हैं. पुलिस ने बिना किसी जांच के उन्हीं लोगों को जेल भेज दिया. 9 में से 8 लोग अब तक जेल जा चुके हैं, जिसमें 3 महिलाएं भी शामिल है. लेकिन धर्मांतरण के मास्टरमाइंड अनिल पास्टर और बसंत पास्टर फरार है. इसके अलावा एक विदेशी महिला का भी नाम सामने आ रहा है. अनिल पास्टर और बसंत पास्टर के खाते में मोटी फंडिंग भी आई है. पुलिस गुड़गांव के उन बैंक खातो की भी जांच कर रही है, जिन खातों से इन दोनों के एकाउंट्स में रुपए ट्रांसफर किए गए.

धर्मांतरण के मामले में कुछ और भी खबरें सामने आ रही हैं. जिस जमीन पर यह लोग रहते हैं उस पर कुछ सफेदपोश भू-माफिया की निगाहें भी पड़ गई है. जिसके बाद इस जमीन को खाली कराने के लिए धर्मांतरण के मुद्दे को हवा दे दी गई. वहीं धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी मुखर है. भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम की माने तो धर्मांतरण में विदेशी ताकतों का हाथ है.

पश्चिम उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण की सुगबुगाहट होते ही पुलिस इस मामले पर गहनता से जांच की बजाय लीपापोती करने में लगी हुई है. FIR में नामजद लोगों को जेल भेजकर पुलिस मामले को निपटा रही है. जबकि अगर इसकी गहनता से जांच की जाए तो एक बड़ा रैकेट सामने आ सकता है, जो धर्मांतरण के लिए लोगों को मोटी फंडिंग भी कर रहा है.