मेरठ/प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट से यूपी के पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी हाजी याकूब कुरैशी को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मेरठ में दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने और गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी. कोर्ट ने बसपा नेता की ओर से पर्याप्त आधार नहीं पेश किए जाने के बाद याचिका खारिज की है. इसके साथ हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद याकूब कुरैशी और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़नी तय हैं, क्योंकि इसके बाद पूरे परिवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
मामले की सुनवाई के दौरान हाजी याकूब कुरैशी के वकील अदालत में मीट फैक्ट्री को संचालित किए जाने का अधिकार पत्र भी पेश नहीं कर सके. जबकि कुरैशी के साथ ही उनके परिवार वालों ने भी याचिका दाखिल कर राहत दिए जाने की मांग की थी. एक ही याचिका में परिवार के कई सदस्यों की अर्जी शामिल थी. फिलहाल हाईकोर्ट ने किसी को भी राहत देने से इंकार कर दिया है. अदालत ने साफ तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया. जबकि इस मामले की जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रजनीश कुमार की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई.
गौरतलब है कि हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर 31 मार्च को मेरठ विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने छापेमारी की थी, जिसमें पांच करोड़ का मांस बरामद हुआ था. इसके बाद उनके खिलाफ अवैध रूप से मीट फैक्ट्री संचालित किए जाने के मामले में पूरे परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. हाजी याक़ूब कुरैशी के साथ ही पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों (इमरान और फिरोज) के खिलाफ मेरठ के खरखौड़ा थाने में आईपीसी की धारा 420, 269, 27, 272, 273 और 120 बी के तहत दर्ज मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, 31 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही हाजी याकूब कुरैशी और उसका परिवार फरार चल रहा है.