भारत सरकार ने जी-20 समिट में शामिल हुए राष्ट्राध्यक्षों और अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को विशेष उपहार भेंट किए। इनमें हस्तनिर्मित कलाकृतियां और उत्पादों का एक क्यूरेटेड संकलन शामिल था, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में बताता है। इनमें से कुछ उत्पाद सदियों पुरानी परंपरा से जुड़े हुए हैं और उनकी अद्वितीय कारीगरी और गुणवत्ता के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। इन्हें कुशल कारीगरों के हाथों से सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। कुछ उत्पाद हमारे देश की अनूठी जैव-विविधता का परिणाम हैं।

भारत सरकार ने जी-20, राष्ट्राध्यक्षों और अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को पीतल पट्टी युक्त शीशम से बनी संदूक जैसे विशेष उपहार भेंट किए। इस संदूक को शीशम (भारतीय शीशम) का उपयोग करके हाथ से तैयार किया गया है, जो इसकी ताकत, स्थायित्व, विशिष्ट ग्रेन पैटर्न और समृद्ध रंग के लिए मूल्यवान है। पीतल की पट्टी (पट्टी) को नाजुक रूप से उकेरा गया है और लकड़ी पर एम्बेडेड किया गया है, जो इसे एक उत्कृष्ट कृति में बदल देता है।

वैश्विक नेताओं को जो विशेष उपहार हैंपर भेंट किए गए, उनमें रेड गोल्ड: कश्मीरी केसर भी शामिल है। केसर (फारसी में ‘ज़फ़रान’, हिंदी में ‘केसर’) दुनिया का सबसे विदेशी और महंगा मसाला है। संस्कृतियों और सभ्यताओं में, केसर को इसके अद्वितीय पाक और औषधीय मूल्य के लिए महत्व दिया गया है। एक शानदार और मांग वाला पाक मसाला होने के अलावा, केसर में एंटीऑक्सिडेंट भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।