मेरठ. गांधी आश्रम की संपत्ति की लखनऊ में गुपचुप तरीके से नीलामी कराने का प्रयास करने के आरोप में लखनऊ के हजरतगंज थाने में 14 अफसरों और पदाधिकारियों के विरुद्ध दर्ज हुई एफआइआर की जांच मेरठ पुलिस करेगी। जल्द यह एफआइआर मेरठ के सिविल लाइंस थाने में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस मामले की शिकायत करने वाले लोगों का प्रयास है कि एक अन्य संपत्ति की भी बिक्री करने की बार बार कोशिश की जा रही है। इसे लेकर मेरठ में भी एक अन्य मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए।
गांधी आश्रम से हंस चौराहा की ओर वाले मार्ग पर स्थित गांधी आश्रम की 9000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि की लखनऊ में गुपचुप तरीके से नीलामी की जा रही थी। खादी एवं ग्रामोद्योग के मेरठ मंडल के अधिकारियों की सूचना पर राज्य निदेशक खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा टीम भेजकर जांच कराई गई। काफी प्रयास के बाद नीलामी पकड़ में आ गई। राज्य निदेशक के आदेश पर गांधी आश्रम की समिति के मेरठ के सचिव समेत कुल 14 लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिसके बाद नीलामी करने में जुटे लोगों में खलबली मची है।
इस मामले में आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने शिकायत की थी। हाईकोर्ट इलाहाबाद में भी जनहित याचिका लंबित है। जिसमें 7 जुलाई को सुनवाई होगी। गांधी आश्रम की संपत्ति की नीलामी को लेकर जिला प्रशासन भी सजग है। प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि लखनऊ में दर्ज कराई गई उक्त एफआइआर की जांच मेरठ में ही सिविल लाइंस थाने में होगी। इस मुकदमे को जल्द ही मेरठ ट्रांसफर कर दिया जाएगा। वहीं इस कार्रवाई से शिकायतकर्ता को बल मिल गया है। उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम की एक अन्य संपत्ति गढ़ रोड पर सात फेरे विवाह मंडप से बिल्कुल लगी है। जो कि गांधी आश्रम को दान में मिली थी। दानपत्र की शर्तों के मुताबिक उक्त भूमि को केवल गांधी आश्रम के कार्मिकों के आवास के लिए ही उपयोग किया जा सकता है। लेकिन आश्रम समिति इसे भी लंबे समय से नीलाम करने के प्रयास में जुटी है। इस संपत्ति की नीलामी भी नहीं की जा सकती है। इसे लेकर भी गांधी आश्रम के पदाधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग की जा रही है।
गांधी आश्रम की संपत्तियों की नियमविरुद्ध बिक्री और नीलामी के आरोपों की जांच जिला प्रशासन द्वारा भी की जा रही है। कई बार मजिस्ट्रेट वहां जांच के लिए पहुंच चुके हैं। सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन द्वारा गांधी आश्रम की किसी भी संपत्ति की बिक्री के लिए होने वाले बैनामे पर रोक लगाई गई है। जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि गांधी आश्रम की संपत्ति की नीलामी को लेकर नियमों और गांधी आश्रम के पदाधिकारियों के अधिकारों को लेकर जांच कराई जा रही है।