मेरठ। गंगनगर में मिले बच्ची के शव को लेकर एक सप्ताह से गाजियाबाद व मेरठ पुलिस में तकरार है। निवाड़ी थाना पुलिस बच्ची को खैरनगर निवासी कोनेन का बता रही है, जबकि मेरठ पुलिस इसको कोनेन का शव मानने को तैयार नहीं है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना कि कोनेन और उसका भाई मेराब 22 फरवरी को लापता हुए थे, जबकि मोदीनगर के निवाड़ी स्थित गंगनगर में 21 फरवरी को बच्ची का शव मिला था। ऐसे में यह शव कोनेन का नहीं हो सकता।

खैरनगर निवासी शाहिद बेग का बेटा मेराब और बेटी कोनेन 22 फरवरी को लापता हुआ था। अगले दिन शाहिद की पत्नी निशा, उसके प्रेमी पूर्व पार्षद सऊद फैजी सहित 6 लोगों ने दोनों बच्चों की हत्या करना कुबूल किया था। 24 फरवरी को पूठखास स्थित गंगनहर से मेराब का शव बरामद हो गया था, जबकि कोनेन का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। इसे लेकर देहलीगेट पुलिस जेल में बंद सऊद फैजी, आरिफ, साद, निशा, कोसर और मुसर्रत को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है।

वहीं दो बार मोदीनगर की पुलिस देहलीगेट थाने आ चुकी है। निवाड़ी स्थित गंगनगर में एक बच्ची का शव मिला है, जिसको निवाड़ी पुलिस कोनेन का बता रही है। इसकी जानकारी पर देहलीगेट पुलिस ने कोनेन के पिता शाहिद बेग को निवाड़ी थाने भेजा था। द शवलेकिन शाहि की पहचान नहीं कर पाया। इंस्पेक्टर देहलीगेट ऋषिपाल सिंह का कहना कि निवाड़ी में मिला शव कोनेन का नहीं है। निवाड़ी पुलिस जबरन दावा कर रही है। यह बात पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दी है।

मेरठ पुलिस ने बताया कि निवाड़ी में मिले बच्ची के शव के पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इसे लेकर निवाड़ी पुलिस मामले को मेरठ की कोनेन बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। एसएसपी मेरठ ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को इसकी जानकारी दी है