नई दिल्ली. लोगों की इनकम जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे लोगों को टैक्स भी चुकाना पड़ता है. वहीं जब लोगों की इनकम टैक्सेबल हो जाती है तो लोगों को इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स का भुगतान करना होता है. अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब अलग-अलग है. वहीं लोग इनकम टैक्स दो स्लैब के हिसाब से भर सकते हैं. इनमें एक Old Tax Regime शामिल तो वहीं दूसरी New Tax Regime भी है.
वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2020 में नई कर व्यवस्था पेश की थी, जिसमें व्यक्तियों और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए विभिन्न वर्गों के तहत कटौती का दावा किए बिना कम दरों पर कर का भुगतान करने का विकल्प है. Old Tax Regime और New Tax Regime में टैक्स की दरें अलग-अलग है. हालांकि अगर किसी टैक्सपेयर की उम्र 60 साल से कम है तो उसे सालाना 2.5 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.
इसके बाद 60 साल से कम उम्र के टैक्सपेयर्स पर सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. हालांकि इन लोगों को 5 फीसदी का टैक्स रिबेट भी मिल जाता है. लेकिन कुछ लोगों को सरकार की ओर से ज्यादा सालाना इनकम पर भी टैक्स में छूट दी गई है.
दरअसल, New Tax Regime दरों में उम्र के आधार पर अंतर नहीं किया गया है. हालांकि, Old Tax Regime के तहत वरिष्ठ नागरिकों, जिनकी उम्र 60 से 80 वर्ष तक की है, के लिए 3 लाख रुपये सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है. वहीं अति वरिष्ठ नागरिकों, जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है, के लिए सालाना 5 लाख रुपये की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.