नई दिल्ली. देश में मौजूद जरूरतमंद लोगों के लिए सरकारें कई तरह के कार्य करती हैं, जिनका उद्देश्य इन लोगों को लाभ पहुंचाना होता है, इनकी जरूरतों को पूरा करना आदि होता है। राज्य सरकारें और केंद्र सरकार दोनों ही कई तरह की योजनाएं चलाती हैं या फिर कई पुरानी योजनाओं का विस्तार भी करती हैं। मौजूदा समय में देश में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, राशन आर्थिक मदद देने जैसी कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। इनमें से कई योजनाएं भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा भी चलाई जा रही है। जैसे- ई-श्रम कार्ड। इसी कड़ी में श्रम मंत्रालय के द्वारा आईकॉनिक वीक की शुरूआत की गई है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये क्या है? इसके फायदे क्या हैं? और इसका लाभ कौन-कौन ले सकता है? तो चलिए आपको इस आईकॉनिक वीक के बारे में विस्तार से बताते हैं। आप अगली स्लाइड्स में इस बारे में जान सकते हैं…

सरकार ने किया ये एलान

दरअसल, भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा आईकॉनिक वीक की शुरूआत की गई है। इसके तहत एक स्कीम ‘डोनेट ए पेंशन’ शुरू की गई है। इसकी शुरूआत केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में की। इसमें असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए ई-श्रम रजिस्ट्रेशन की शुरूआत हुई है।

क्या हैं फायदे?

बात अगर इस आईकॉनिक वीक के फायदों की करें, तो इसमें 18 से 40 साल की उम्र वाले वो लोग जो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं, रजिस्ट्रेशन कराते हैं। साथ में 660 से लेकर 2400 रुपये तक जमा कराते हैं, तो उनको उनके आयु वर्ग के हिसाब से 60 साल बाद 3 हजार रुपये पेंशन मिलेगी।

कौन है पात्र?

  • ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 18-40 साल के बीच हो
  • जो लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं।

कितना प्रीमियम? कितनी पेंशन?

  • आसान शब्दों में अगर समझा जाए कि कितने प्रीमियम के बदले कितनी पेंशन मिलेगी। तो सरकार के मुताबिक, अगर कोई श्रमिक साल में 660 रुपये से लेकर 2400 रुपये तक जमा कराता है, तो उसे उसके आयु वर्ग के हिसाब से 60 साल के बाद 3 हजार रुपये पेंशन मिलेगी।