मेरठ। मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चल रहे योग शिविर में स्वामी कर्मवीर ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास कराया। इनमें महायोग क्रिया, कपोत उज्जयी, कपालभाति, अनुलोम विलोम, मरकट आसन, हनुमान आसन, अर्द्ध चक्रकटी आसन, हास्य आसन आदि योग क्रियाओं में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। स्वामी कर्मवीर ने बताया कि अनिद्रा की समस्या आज लगभग 55 प्रतिशत लोगों में व्याप्त है। इसके लिए केवल योग ही एकमात्र स्थायी समाधान है।
उन्होंने कहा कि अधिक वजन और पेट की विमारियां भी बड़े स्तर पर लोगो को हो रही हैं, इसके लिए नौका आसन, अग्निसार क्रिया, महायोग क्रिया करने से लाभ मिलेगा। साइटिका जैसी खतरनाक बीमारी के लिए हनुमान आसन अत्यंत प्रभावी है। स्वामी कर्मवीर ने कोविड के दौरान मिली बीमारियों के उपचार योग व आयुर्वेद में बताए। स्किन की बीमारी के सवाल पर स्वामी कर्मवीर ने बताया कि शीशम के चार से पांच पत्ते धोकर खाने से आराम मिलेगा।
इसके साथ ही मीठा व नमन का सेवन करना लाभकारी होगा। दिन के योग शिविर का समापन योग निद्रा और हास्यासन से हुआ। इससे पहले रविवार को शिविर का शुभारंभ स्वामी कर्मवीर के साथ कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एडीएम सिटी दिवाकर सिंह, संजीव कंसल, राजीव कंसल, अरविंद त्यागी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया
वहीं मेरठ के मोदीपुरम में रूड़की रोड स्थित छठी वाहिनी पीएसी के मैदान में दैनिक जागरण के बैनर तले चल रहे योग शिविर में रविवार को जवानों के अलावा आसपास क्षेत्र के लोगों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। जवानों को स्वस्थ रहने का तरीका योग गुरु ने सिखाया। योग गुरु पंकज योगी ने अपने संबोधन में साधकों को बताया कि योग करने वाला मनुष्य ब्रह्मज्ञान के लिए जब अपने मन को परमेश्वर में युक्त करता है, तब परमेश्वर उसकी बुद्धि को अपनी कृपा से अपने में युक्त कर लेता है। फिर वह परमात्मा के प्रकाश की धारणा करता है।
जो शरीर योग की अग्नि में तप जाता है, उसे कोई रोग नहीं होता। बुढ़ापा नहीं आता। तथा कम समय में मृत्यु को भी प्राप्त नहीं होता। हमारे ऋषियों ने भी योग साधना से मृत्यु को भी अपने वश में कर लिया था। उसके बाद योगी कमल वर्मा ने खड़े होकर करने वाले आसनों को क्रमवार कराया। जिसमें ध्रुवाआसन, अश्वथासन, उर्ध्व हस्तोतांनासन, वीर भद्रासन आदि के लाभ भी बताए। वरिष्ठ योग शिक्षक नीरज कुमार ने बैठकर करने वाले आसनों में भद्रासन, पद्मासन, कागासन, गोमुखासन आदि को कराकर उसके लाभ भी बताए।
योग शिक्षक डा. राज वीर पाल ने श्वास प्रश्वास से जुड़ी क्रियाओं को कराया। जैसे नाड़ी शोधन प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, उदगीध प्राणायाम आदि शामिल थे। योग शिक्षक अजय कुमार ने भी आसन कराए। शिविर में सेनानायक चारू निगम, उप-सेनानायक अनिल कुमार, ताहिर हुसैन, शिविर पाल सुभाष चंद्र सिसौदिया, सूबेदार मेजर सतीश ज्वाला, दल प्रभारी कुलवीर सिंह, प्रेमराज आदि उपस्थित थे।