चंडीगढ़। हरियाणा के करनाल स्थित लघु सचिवालय के बाहर किसानों का धरना बीते तीन दिनों से जारी है। प्रदर्शनकारी किसान पिछले दिनों किसानों पर हुए लाठीचार्ज से पहले सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही प्रदर्शनकारी किसान लाठीचार्ज के दौरान घायल किसानों और एक मृतक किसान के परिवार के लिए भी मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसी बीच हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि जांच के बाद ही दोषी तय किए जाएंगे और किसी के कहने से ही किसी को भी फांसी पर नहीं चढ़ा दिया जाएगा।

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी, किसी के कहने पर ही किसी को फांसी पर नहीं चढ़ा सकते। ऐसा नहीं है कि देश का आईपीसी अलग है और किसानों का आईपीसी अलग है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमेशा सजा दोष के अनुरूप ही दी जाती है और दोष पता करने के लिए जांच करानी पड़ती है।

विज ने कहा कि हम निष्पक्ष जांच कराने के लिए तैयार हैं, जांच केवल एसडीएम की नहीं होगी बल्कि पूरे करनाल मामले की होगी। अगर उसमें किसान या किसान नेता दोषी होंगे तो जो कार्रवाई बनती होगी, हम उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।

ज्ञात हो कि बीते 28 अगस्त को करनाल में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था। इसमें एक किसान की मौत हो गई थी और कई किसान घायल हो गए थे। लाठीचार्ज की घटना से पहले करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दे रहे थे। अपने साथी किसान की मौत से भड़के किसानों ने मंगलवार को करनाल में महापंचायत का आयोजन किया था और आईएएस आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने एवं मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग की।

महापंचायत के बाद किसान करनाल स्थित लघु सचिवालय की तरह बढ़ गए और वहां अपना डेरा डाल दिया। मंगलवार और बुधवार को जिला प्रशासन ने किसान नेताओं के साथ बातचीत भी की। लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। करनाल में किसानों के धरना प्रदर्शन के मद्देनजर लगातार तीसरे दिन मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।