नई दिल्ली: अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार कई तरह की सुविधाएं देती है. इसी में एक सुविधा है हाउस बिल्डिंग एडवांस जो कर्मचारियों को घर बनाने के लिए दिया जाता है. अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं और आपने भी सरकार की इस सुविधा के तहत पैसा लिया है, लेकिन इसका इस्तेमाल नियमों के मुताबिक घर बनाने में नहीं किया तो आपके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
आपको बता दें कि सरकार ने ये आदेश जारी किया है कि ऐसे कर्मचारी जिन्होंने मकान या फ्लैट को बनाने या खरीदने के लिए HBA स्कीम के तहत पैसा उठाया है, उन्हें House Building Advance Rules (HBA)- 2017 के रूल 7b का सख्ती से पालन करना होगा. अगर नियमों में कोताही बरती गई तो उन पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट में ADG (Estt) डीके त्रिपाठी के मुताबिक HBA लेने वाले कर्मचारी इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा न करके वो आराम से बच जाएंगे. मगर हमने इस बारे में सभी सर्किल में नोटिस भेज दिया है और ये आदेश जारी किया गया है कि इस पर तुरंत अमल किया जाए.
इस नियम के तहत हाउस बिल्डिंग एडवांस लेने वाले कर्मचारियों को अपने मकान का बीमा कराना होता है, जिसका खर्च उन्हें खुद ही उठाना होता है. इसकी एक शर्त ये भी है कि बीमा की रकम HBA की राशि के बराबर होनी चाहिए. डी के त्रिपाठी का कहना है कि ‘रूल बुक के मुताबिक घर का बीमा इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI से मान्यता प्राप्त बीमा कंपनियों से लेना होगा और पॉलिसी की कॉपी को अपने डिपार्टमेंट में जमा कराना होगा.
HBA के तहत लिए गए बीमा पॉलिसी में कई सारी दुर्घटनाओं को कवर किया गया है. जैसे घर में आग लगने, बाढ़ और बिजली से होने वाला नुकसान कवर होगा. यह पॉलिसी तब तक लागू रहेगी जब तक कर्मचारी एडवांस को चुकता नहीं कर देता. डी के त्रिपाठी के मुताबिक ‘हर HoD को कहा गया है कि हर साल जुलाई महीने में पॉलिसी प्रमाण पत्र की कॉपी कर्मचारियों से जमा कराएं. सभी सर्किल को इस नियम को सख्ती से मानना होगा.’
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को House Building Advance देती है. इसमें कर्मचारी खुद या अपनी पत्नी के प्लॉट पर घर बनाने के लिए एडवांस ले सकता है. यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से शुरू हुई थी और इसके तहत 31 मार्च 2022 तक केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 7.9 परसेंट ब्याज दर पर हाउस बिल्डिंग एडवांस देती है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और HBA नियमों के मुताबिक कर्मचारी नए मकान के निर्माण या नया घर-फ्लैट खरीदने के लिए 34 महीने की बेसिक सैलरी, अधिकतम 25 लाख रुपये या मकान की कीमत या फिर एडवांस चुकाने की क्षमता में से जो भी कम हो उतने अमाउंट का एडवांस ले सकते हैं. एडवांस पर 7.9 परसेंट का ब्याज लगता है. 5 साल की लगातार सेवा देने वाले अस्थायी कर्मचारी भी इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं.