नई दिल्ली। पंजाब के रोपड़, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में पिछले 14 महीनों में हुए 11 कत्लों की गुत्थी एक मोबाइल फोन और नारंगी गमछे ने सुलझा दी। पुलिस ने इस मामले में राम स्वरूप उर्फ सोढ़ी को गिरफ्तार किया है। इस सिलसिले की शुरुआत अगस्त में रोपड़ के रहने वाले मनिंदर सिंह की हत्या से हुई।
मनिंदर के लापता होने के बाद उनके भाई ने जांच शुरू की और एक संदिग्ध को शव झाड़ियों में खींचते देखा। लेकिन वह अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने जब मनिंदर का गायब मोबाइल ट्रैक करना शुरू किया, तो फोन जम्मू के सांबा में एक दुकानदार के पास मिला। दुकानदार ने बताया कि उसने फोन एक ढाबे पर 500 रुपये में खरीदा था।
नारंगी गमछा बना अहम सुराग
पुलिस को मनिंदर के शव पर एक नारंगी गमछा मिला था। इसी गमछे के आधार पर संदिग्ध की पहचान की गई। ढाबों में पूछताछ के दौरान पुलिस को आरोपी के बारे में जानकारी मिली। सुरागों खंगालने और छापेमारी के बाद पुलिस ने भारतगढ़ गांव में राम स्वरूप को पकड़ा गया। पूछताछ में उसने 11 कत्ल करने की बात कबूल की।
कैसे करता था वारदात?
पुलिस के अनुसार, राम स्वरूप ट्रक ड्राइवरों, मजदूरों और ढाबा कर्मियों को शारीरिक संबंधों का लालच देकर अपने जाल में फंसाता। जब वे पैसे देने से इनकार करते, तो वह उनकी हत्या कर देता। आरोपी ने नौ लोगों को गला दबाकर और दो को पीट-पीटकर मार डाला।
लंबी है गुनाहों की लिस्ट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राम स्वरूप ने बताया कि उसने पहला कत्ल अक्टूबर 2023 में फतेहगढ़ साहिब के एक ऑटो चालक का किया। उसने एक मृतक की पीठ पर ‘धोखेबाज’ तक लिख दिया था। पुलिस ने अब तक 11 में से 5 मृतकों की पहचान कर ली है और बाकी की जांच जारी है।
राम स्वरूप कभी दुबई और कतर में मजदूरी करता था। 2022 में परिवार ने उसे छोड़ दिया, जिसके बाद वह भटकती जिंदगी जीने लगा। वह दो दिन से ज्यादा एक जगह नहीं ठहरता था और चोरी किए फोन की सिम भी फेंक देता था। पुलिस को इन मामलों में अब मृतकों के परिवारों से संपर्क कर एफआईआर दर्ज करनी शुरू कर दी है।