बलिया। जिले में नरहीं में बाइक चोर को पकड़ने वाले थानाध्यक्ष ही 18 माह पहले चोरी बुलेट बाइक के नंबर प्लेट पर ‘पुलिस’ लिखाकर घूमते दिखे। यह प्रकरण देखते ही देखते इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया तो बुलेट नगरा थाने में खड़ी कर दी गई। नगरा थाना क्षेत्र में पालचंद्रहा के ओमप्रकाश यादव की बुलेट यूपी 60 एएफ 7103 21 जनवरी वर्ष 2021 को क्षेत्र से चोरी हो गई थी। काफी प्रयास के बाद बाइक नहीं मिली तो नगरा पुलिस ने 27 जनवरी 2021 को मुकदमा पंजीकृत कर दिया। जांच करने के बाद कुछ दिनों के बाद ही इस फाइल को बंद कर दिया गया। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाकर भी उम्मीद छोड़ ही थी कि उसी बुलेट से नरहीं के थानाध्यक्ष मदन पटेल के घूमने की तस्वीर वायरल हो गई।
नगरा थाना क्षेत्र के पालचंद्रहा से जनवरी 2021 मे चोरी गयी बुलेट बाइक प्रकरण अब बढ़ता ही जा रहा है। नरही पुलिस के चोरी की बुलेट से घूमने की खबर वायरल होने पर कटघरे मे बलिया पुलिस है। जिधर देखिए बस चोरी की बुलेट बाइक पर नरही पुलिस की चर्चा है। वहीं पुलिस द्वारा मनगढंत कहानी गढ़ने और पुलिस द्वारा ट्वीट कर वाहन स्वामी को ही कठघरे में खड़ा करने से वाहन स्वामी ओमप्रकाश यादव खासे आहत भी हैं।
#ballia में यह बुलेट बाइक जिसपर 'Police' लिखा है वह चोरी की है। चोरी की बाइक पर पुलिस की शान की सवारी चर्चा में है। pic.twitter.com/if0fTWaFUS
— Abhishek sharma (@officeofabhi) August 18, 2022
नगरा थाना क्षेत्र के पालचंद्रहा से जनवरी 2021 में ओमप्रकाश यादव की बुलेट बाइक चोरी हूई थी जिसका मुकदमा काफी जद्दोजहद पर एक सप्ताह बाद दर्ज हुआ था। बुलेट बाइक से नरही थाने के पुलिस का 14 अगस्त को तिरंगा रैली मे घूमने का वीडिओ वायरल होते ही पुलिस कठघरे में आ गई। 16 अगस्त की शाम को नगरा थाने पर बाइक आ गयी। इसके बाद बलिया पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया कि लावारिस वाहनों के निस्तारण के दौरान वाहन स्वामी को सूचित किया था।
इस पोस्ट से स्वयं वाहन मालिक ओमप्रकाश यादव आहत हैं तो बलिया पुलिस लावारिस में बुलेट के मिलने की बात कर रही है। जो अपने आप में सवाल है। लावारिस गाड़ी मिली तो सिपाही और नरही पुलिस कैसे लेकर घूमने लगी। सोशल साइट्स पर वायरल होते ही बुलेट नगरा थाना परिसर कैसे पहुंच गयी। नरही क्षेत्र में मिली तो क्यों नरही थाने पर नहीं रखी गई।
ओमप्रकाश यादव ने कहा कि हमें खबर देने की बात निराधार है। बुलेट का लेग गार्ड व लाईट बदलकर नरही थाने का सिपाही व अन्य पुलिस कर्मी चला रहे थे। अब जब कार्रवाई की तलवार लटक रही है तो पुलिस मनगढंत कहानी गढ़ रही है। जागरण को बताया कि बुलेट मुझे मिले या न मिले दोषी पुलिस कर्मियो पर चोरी का मुकदमा हर हाल में दर्ज कर कार्रवाई हो।
1- चोरी की बाइक के नंबर प्लेट नंबर की जगह पुलिस क्यों लिखाया?
2- चोरी की बाइक को मालिक को सूचना देने की कोई जानकारी नहीं।
3- बिना हेलमेट बिना नंबर बाइक चलाने वाले पुलिस कर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं।
4- वाहन स्वामी को सूचना देने का गलत ट्वीट किसके दबाव पर किया गया।
5- थानाध्यक्ष के पास बाइक थी तो सिपाही पर क्यों कार्रवाई की गई।
6- जब बाइक के स्वामी को सूचना दी गई तो वह लावारिस कहां रह गई।
7- सबसे बड़ा सवाल कि बाइक रिकवर करने के बाद आगे की प्रक्रिया में छेद कहां रह गया।