वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भीषण गर्मी का कहर जारी है. यहां पड़ रही गर्मी तीन दशक पहले के भयावह मंजर की याद दिला रही है. काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवों का दाह संस्कार करने के लिए लंबी कतार और मोक्ष के लिए घंटों तक इंतजार ने वर्ष 1995 की तस्वीर की याद ताजा कर दी है. रविवार 18 जून को बनारस में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब था. दिन भर कड़ी धूप और लू चलने के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. तो वहीं, महाश्मशान पर शवों की भीड़ आम दिनों से ज्यादा दिखाई दी.
शाम होने के साथ भीड़ का मंजर भी बढ़ा और शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार देखने को मिली. महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कराने वाले झुनी पंडित ने बताया कि गर्मी के कारण महाश्मशान घाट पर शवदाह करने वालों की भीड़ लगी है. जगह नहीं होने के कारण लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. लगभग कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट का भी है.
पर नजर डालें तो वाराणसी के महाश्मशान घाट पर आम दिनों में 60 से 80 शवों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन इन दिनों यह आंकड़ा बढ़ कर 100 से 120 तक पहुंच गया है. वहीं, हरिश्चंद्र घाट पर भी अभी लगभग 40 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है. आम दिनों में यह संख्या 20 से 25 से बीच होती थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण लोगों की लगातार मौत हो रही है. मृतकों में वृद्ध और बीमार लोग ज्यादा शामिल हैं.
गर्मी के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. वाराणसी के सीएमओ ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है. यहां गर्मी से बचाव और इलाज के लिए मंडलीय अस्पताल और जिला अस्पताल में व्यवस्था भी की गई है. वाराणसी स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, लोगों को दिन के समय तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए. शरीर में तरलता बनी और पानी की कमी न हो, इसके लिये उन्हें समय-समय पर पेय प्रदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए.