बुधवार को परिजनों ने पल्लवपुरम थाने में तहरीर देते हुए कहा कि सचिन को उसके दोस्त सुशांत ने मंगलवार की रात करीब नौ बजे फोन करके रुपये देने के बहाने मोदीपुरम सीएनजी पंप के पास बुलाया था। सचिन ने बलवंत एकंलेव निवासी सुशांत को एक लाख रुपये दिए थे। आरोपी सुशांत लगातार रुपये देने के नाम पर टाल रहा था। सचिन रात में अपनी स्कूटी लेकर घर से निकल गया। आरोप है कि सुंशात ने अपने साले अंकुश के साथ मिलकर सचिन को ललसाना रोड पर ले जाकर चाकू से गोदकर हत्या कर दी। वारदात के बाद शव की पहचान छिपाने के लिए पेट्रोल डालकर आग लगा भी दी।
इसके पहले बुधवार की सुबह सचिन के परिजनों ने पुलिस को बताया था कि मंगलवार की रात में सुशांत उसे ले गया था। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका है। पुलिस ने आरोपी सुशांत को कॉल की तो उसने खुद को हरिद्वार में बताया। कई घंटे तक आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा। सचिन के परिजनों ने हंगामा किया तो पुलिस ने आरोपी को ट्रेस कर हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ में सुशांत ने पूरी कहानी बता दी और फिर वहां ले गया जहां हत्या कर शव फेंका था। पुलिस ने सचिन के भाई की तहरीर पर आरोपी सुशांत व उसके साले अंकुश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
दस दिन पहले ही सचिन के घर गूंजी थी किलकारी
फाइनेंसर सचिन प्रजापति की हत्या करने के बाद आरोपी सुशांत हरिद्वार भाग गया था। सुशांत ने अपनी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया और हरिद्वार में हादसा होने का नाटक भी किया। सचिन को उसका परिवार ढूंढ रहा था। उनको अंदेशा था कि सचिन के साथ कोई घटना हो गई है और सुशांत झूठ बोल रहा है। पुलिस ने सुशांत को थाने बुलाया। वह घंटों तक पुलिस को गुमराह करता रहा। वहीं पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो हत्या करना कबूल किया। उसकी निशानदेही पर सचिन का अधजला शव ललियाना के जगंल से बरामद किया गया। इस घटना से दस दिन पहले ही सचिन के घर पर किलकारी गूंजी थी। पत्नी कंचन ने बेटे को जन्म दिया था और परिवार गंगा स्नान के लिए जाने की तैयारी कर रहा था।
पीड़ित परिवार गिड़गिड़ाता रहा, पुलिस टालती रही
सचिन प्रजापति मंगलवार शाम से लापता थे। रात तक वह नहीं लौटे तो तलाश की गई। परिजनों ने सुशांत से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन उसने हरिद्वार होने की बात कही। आरोपी सुशांत के पिता नरेश पीआरडी में दरोगा हैं। इसका पता लगते पुलिस भी कार्रवाई से बचती रही। पीड़ित परिवार पुलिस के सामने गिड़गिड़ाता रहा। रातभर पीड़ित परिवार भटक रहा था। बुधवार सुबह सचिन के परिजनों ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी। थाना पुलिस को फटकार लगी, तब उनकी नींद टूटी। पुलिस ने आरोपी को कॉल की। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था। वह हरिद्वार से लौट रहा है। सचिन के परिजनों को शक हुआ कि सुशांत झूठ बोल रहा है।
वहीं बाद में आरोपी थाने पहुंचा। उसकी गाड़ी का शीशा टूटा था। घंटों तक वह पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने जब सुशांत से पूछा कि तुमने सचिन को सीएनजी पेट्रोल पंप पर क्यों बुलाया था। दोनों में क्या बात हुई। थोड़ी सख्ती पुलिस ने की, तब जाकर उसने सचिन की हत्या करना कबूल लिया। इसका पता चलते ही एसपी सिटी और सीओ दौराला भी पहुंचे। आरोपी की निशानदेही पर सचिन का शव बरामद किया गया। घटना के खुलासे से पहले परिजनों ने पल्लवपुरम थाने पर हंगामा भी किया था। परिजनों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई।
एक लाख रुपये देकर भी गई जान
फाइनेंसर सचिन ने अपने दोस्त सुशांत को एक लाख रुपये दिए थे। सचिन अपने पैसे की मांग कर रहा था। यह रुपये न देने पड़े, इसलिए सुशांत ने सचिन की चाकू से वारकर हत्या कर दी और शव को जंगल में पेट्रोल डालकर जला दिया। शव बरामद करने के बाद पुलिस नेआरोपी से चाकू, बोतल और माचिस सहित अन्य सामान बरामद की।
वर्दी में थाने पहुंचा आरोपी का पिता
पुलिस ने जब आरोपी को हिरासत में ले लिया था। आरोपी का पिता नरेश भी वर्दी में थाने पर पहुंचा। बेटे से मिलने का प्रयास किया, लेकिन वहां पहले से ही डोरली गांव के युवक हंगामा कर रहे थे और गुस्से में थे। युवकों ने आरोपी के पिता को मिलने नहीं दिया और थाने के गेट पर ही धक्के मारकर भगा दिया। युवकों ने गुस्से में अपशब्द भी कहे।
पुलिस के प्राथमिक जांच में सामने आया है कि लेनदेन में सचिन प्रजापति की हत्या हुई है। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने उसका शव बरामद किया है। मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया है। – विनीत भटनागर, एसपी सिटी